Magh Mela Begins : आज से पौष पूर्णिमा के पर्व की शुरुआत हो गई हैं। माघ मेले में पड़ने वाले पहले स्नान पर्व में गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदी में आस्था का सैलाब उमड़ता है। देश के कई राज्यों में पौष पूर्णिमा को पितरों की पूर्णिमा और कल्याण पर्व के नाम से भी जाना जाता हैं।
इस वर्ष भी कड़ाके की ठंड के बीच बड़ी सांख्य में श्रद्धालु तीर्थराज प्रयाग पहुंच रहें हैं। मान्यता के मुताबिक, पौष पूर्णिमा के पर्व (Magh Mela Begins) पर संगम की त्रिवेणी में स्नान, दान, तप, जप, व्रत का विशेष महत्त्व है। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख, शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जबकि नकारात्मकता खत्म होती हैं।
माघ मेले का पहला स्नान पर्व आज
बता दें कि लोग संगम की रेती पर 6 जनवरी 2023 से 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि तक चलने वाले माघ मेले (Magh Mela Begins) में जप और तप करेंगे। आज यानी पौष पूर्णिमा के पहले दिन लाखों की सांख्य में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 7 डिग्री सेल्सियस के बीच संगम में श्रद्धालुओं का आगमन लगातार बढ़ता जा रहा हैं। मेले में महिलाओं, बच्चों से लेकर बुजुर्ग की भी बड़ी संख्या देखी जा रहीं है।
इस बार ये हैं खास इंतजाम
सरकार ने इस बार भी संगम किनारे तंबुओं का शहर बहुत सुंदर तरीके से सजाकर तैयार किया है। माघ मेले (Magh Mela Begins) में 16 प्रवेश द्वार, 16 घाट और 5 पांटून पुल बनाए गए हैं, जहां कोविड-19 हेल्प डेस्क की भी व्यवस्था की गई है। साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।