हाथरस गैंगरेप कांड पर ढाई साल बाद SC-ST कोर्ट का फैसला आया है। कोर्ट ने हाथरस केस के चार आरोपियों में से केवल एक आरोपी संदीप को ही दोषी करार दिया है। इसके अलावा अन्य तीन आरोपियों लव-कुश, रामू और रवि को बरी कर दिया गया है। संदीप को गैर इरादतन हत्या (धारा-304) और SC/ST एक्ट में दोषी माना गया है और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इन चारों आरोपियों में से किसी पर भी गैंगरेप के आरोप सिद्ध नहीं हो पाए है।
ढाई साल बाद आया फैसला
दरअसल, ये घटना साल 2020 की है। 14 सितंबर 2020 को हाथरस के चंदपा क्षेत्र के एक गांव में दलित युवती के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई थी। गांव के ही चार युवकों पर युवती का बलात्कार के बाद हत्या करने का आरोप लगा था। इस दौरान युवती की जीभ कांटने की बात भी सामने आई थीं। 15 दिनों तक पीड़िता जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही और अंत में 29 सितंबर 2022 को उसने दम तोड़ दिया था।
युवती के भाई ने गांव के ही संदीप ठाकुर के खिलाफ केस दर्ज कराया था। फिर बाद में युवती के बयान के आधार पर तीन अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी हुई थी।
इस पूरे मामले को लेकर देश में काफी बवाल मचा था। पुलिस पर भी ये आरोप लगे थे कि उन्होंने युवती के परिजनों की अनुमति के बिना ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। मामले पर कार्रवाई करते हुए प्रदेश सरकार ने एसपी और सीओ समेत कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया था CBI ने इस मामले की जांच करने के बाद दिसंबर 2020 में चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट जाने की कही बात
इस घटना के ढाई साल बाद अब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, जिसमें तीन आरोपी बरी हो गए, जबकि एक को ही सजा हुई है। हालांकि पीड़ित पक्ष कोर्ट के इस फैसले से संतुष्ट नहीं है। इसलिए उन्होंने इस फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट जाने की बात कही है।