तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने एक बड़ा कदम उठाते हुए स्टालिन सरकार को झटका दिया है। दरअसल, राज्यपाल ने ऑनलाइन जुए पर रोक लगाने और ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने वाले विधेयक को वापस कर दिया है। राज्यपाल आरएन रवि ने चार महीने बाद इस विधेयक को वापस लौटाया है। इन्होंने बिल पर कुछ सवाल उठाए हैं और इसको लेकर सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा है।
पिछले साल पेश हुआ था विधेयक
आपको बता दें कि तमिलनाडु में ऑनलाइन जुए से हारने के बाद कई लोगों की आत्महत्या करने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद पिछले साल अक्टूबर में इससे संबंधित विधेयक लाया गया था। तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रघुपति ने 19 अक्टूबर 2022 ने रम्मी और पोकर समेत ऑनलाइन जुआ प्लेटफार्म्स पर रोक लगाने के लिए इस विधेयक को पेश किया गया था।
ध्यान देने योग्य बात है कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और स्टालिन सरकार के बीच तमाम मुद्दों को लेकर टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है। अब इसे इसे राज्य की डीएमके सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव की निरंतरता के रूप में देखा जा रहा हैं।
DMK के बीजेपी पर आरोप
राज्यपाल के इस कदम पर डीएमके और उसके सहयोगियों ने उन्हें “RSS और बीजेपी का एजेंट” करार दिया है। DMK के द्वारा राज्यपाल पर राज्य के विकास में बाधा के रूप में काम करने का आरोप भी लगाया। वहीं तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील की कि वो इस मामले में हस्तक्षेप करें।
इस मामले को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने तमिलनाडु सरकार को सुझाव दिया है कि वो इसमें आवश्यक बदलाव कर एक और विधेयक पेश करें। अन्नामलाई ने कहा कि विधेयक के इस पारूप के साथ इसके उच्चतम न्यायालय या केंद्र सरकार द्वारा भी खारिज किए जाने की संभावना थी। उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों को बताना चाहिए कि राज्यपाल ने किस आधार पर विधेयक को लौटाया है, जिससे वे इस मुद्दे पर फैसला कर सकें।