Supreme Court ने ‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना के तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों की धनराशी मंजूर कर दी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) और दिल्ली सरकार के बीच विवाद खत्म हो जाने चाहिए। इसके साथ ही अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि पेंडिंग बिलों और प्राइवेट अस्पतालों को समय पर भुगतान किया जाना सुनिश्चित करें।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने दिया आदेश
दरअसल, Supreme Court ने ‘फरिश्ते’ योजना को फिर से चालू करने को लेकर यह कहते हुए निपटारा कर दिया कि अस्पतालों के लंबित बिलों का भुगतान और निजी अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित कर दिया गया है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने यह निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शादन फरासत की दलील सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश पारित किया।
जस्टिस गवई ने मजाक के लहजे में कहा कि एक बार के लिए, दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) और दिल्ली सरकार के बीच विवाद अब हमेशा के लिए समाप्त होने चाहिए। Supreme Court ने गुरुवार को यह आदेश पारित किया।
पीड़ितों को बचाने के लिए दिल्ली सरकार की कोशिश
बता दें कि ‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना सड़क दुर्घटना पीड़ितों को बचाने में जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है, जिसमें सरकार अस्पताल के बिलों का भुगतान करती है ताकि त्वरित और मुफ्त चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित की जा सके।
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