अधिवक्ता और वकील सौरभ कृपाल को दिल्ली हाइकोर्ट का न्यायधीश बनाने संबंधी सिफारिश को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के पास वापस भेज दिया गया था। दरअसल, दिल्ली हाइकोर्ट का न्यायधीश बनाने संबंधी प्रस्ताव पांच साल से अधिक समय से लंबित है। अब इसी बीच सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिेश दोहराते हुए केंद्र को सिफारिश भेजा है। कॉलेजियम का कहना है कि हर एक व्यक्ति को अपने मन मुताबिक सेक्सुअल ओरिएंटेशन रखने का अधिकार हासिल है. सौरभ कृपाल के अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन को लेकर खुलेपन के चलते उनकी जज के तौर पर उम्मीदवारी को खारिज नहीं किया जा सकता।
कॉलेजियम ने क्या कहा ?
साथ ही कॉलेजियम ने कहा कि सौरभ कृपाल का व्यवहार हमेशा उत्कृष्ट रहा है और जज के तौर पर उनकी नियुक्ति बेंच में विविधता को बढ़ाएगी. बता दे कि इससे पहले सौरभ किरपाल को दिल्ली उच्च न्यायालय का जज बनाए जाने का प्रस्ताव दिल्ली हाईकोर्ट के कॉलेजियम द्वारा 13 अक्टूबर 2017 में दिया गया था। इस प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर 2022 को अपनी मुहर भी लगा दी थी। कॉलेजियम का ये भी कहना सवैंधानिक पदों पर मौजूद बहुत से लोगों के पार्टनर विदेशी नागरिक रहे है. ऐसे में विदेशी पार्टनर होने की वजह से उनका नाम खारिज करने का कोई औचित्य नहीं है।
समलैंगिक हैं सौरभ कृपाल
आपको बता दें कि पूर्व CJI बीएन कृपाल के बेटे सौरभ कृपाल समलैंगिक हैं और उनके पार्टनर स्विस नागरिक हैं। ऐसे में उनके दिल्ली हाइकोर्ट का जज बनने संबंधी मामले में भी अड़चन सामने आई है। साथ ही शिर्ष न्यायालय के कॉलेजियम ने कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सौरभ कृपाल की नियुक्ति का प्रस्ताव पांच साल से अधिक समय से लंबित है, जिसपर तेजी से कार्रवाई करने की आवश्यकता है।