Recently updated on September 17th, 2024 at 06:46 pm
Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (19 मई) को ED के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के सभी मामलों में की जाने वाली गिरफ्तारियों को लेकर बड़ी टिप्पणी किया है। कोर्ट ने अगर मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत का संज्ञान ले लिया है तो ईडी ‘प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ (PMLA ) के सेक्शन 19 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल कर आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। अगर गिरफ्तारी करती है तो उसके लिए ED को विशेष अदालत में आवेदन देना होगा।
कोर्ट ने क्या कहा ?
आगे कोर्ट ने कहा कि जब अदालत चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद आरोपी को समन जारी करे और वह किसी भी हाल में पेश हो जाए, तो उसे बेल मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी। धारा 45 में दी गई जमानत की दोहरी शर्त भी उस पर लागू नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुयान की पीठ ने PMLA कानून को लेकर फैसला दिया हैं।
गिरफ़्तारी चाहते है तो उसके लिए कोर्ट में आवेदन देना होगा – कोर्ट
पीठ ने कहा, “अगर धारा 44 के तहत शिकायत के आधार पर पीएमएलए की धारा 4 के तहत अपराध का संज्ञान लिया जा चुका है। तब ईडी और उसके अधिकारी शिकायत में आरोपी बनाए गए व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए धारा 19 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। यदि वो गिरफ़्तारी चाहते है तो उसके लिए कोर्ट में आवेदन देना होगा।