State Election Commission: उत्तराखंड में नगरीय निकाय चुनावों के चलते लागू आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन करते हुए 46 पुलिस उपाधीक्षकों के स्थानांतरण का मामला सामने आया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक समेत संबंधित अधिकारियों से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है।
आदर्श आचरण संहिता का उद्देश्य
चुनाव प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए आदर्श आचरण संहिता लागू की जाती है। इसके तहत चुनावी प्रक्रिया में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों का स्थानांतरण बिना निर्वाचन आयोग की अनुमति के प्रतिबंधित होता है। इस नियम का उल्लंघन चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, जिससे निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लग सकता है।
ट्रांसफर पर क्या है विवाद
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, आयोग ने केवल 28 अधिकारियों के स्थानांतरण और पदोन्नति को सशर्त अनुमति दी थी। यह अनुमति इस शर्त पर दी गई थी कि अधिकारी अपने वर्तमान कार्यस्थल पर योगदान देंगे। इसके बावजूद 46 पुलिस उपाधीक्षकों के स्थानांतरण किए गए, जो आदर्श आचरण संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है।
आयोग का निर्देश और कार्रवाई
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने पुलिस महानिदेशक को तत्काल स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। साथ ही, सभी स्थानांतरण प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी निर्वाचन से जुड़े अधिकारी का स्थानांतरण आयोग की पूर्व स्वीकृति के बिना नहीं किया जा सकता।
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मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक को निर्देश
यह मामला केवल पुलिस महानिदेशक तक सीमित नहीं है। आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) को भी पत्र की प्रतिलिपि भेजी है और इस मामले में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे।
आचार संहिता का महत्व
आचार संहिता का पालन चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता और लोकतंत्र की शुचिता सुनिश्चित करता है। अधिकारियों के मनमाने स्थानांतरण और पदस्थापन चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है।
उत्तराखंड में 46 पुलिस उपाधीक्षकों के स्थानांतरण ने राज्य निर्वाचन आयोग की सतर्कता और कड़े निर्देशों को एक बार फिर उजागर किया है। आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे। आदर्श आचरण संहिता का पालन चुनावी लोकतंत्र की बुनियादी शर्त है, और इसे सख्ती से लागू करना सभी संबंधित संस्थाओं की जिम्मेदारी है।