भारतीय क्रिकेट टीम को लीड करते हुए विराट कोहली ने टीम को कई मैच जीताएं हैं। घरेलू पिच हो या बाहरी देशों का दौरा, कोहली एक सफल कप्तान के रुप मे सामने आए है खासकर टेस्ट क्रिकेट मे। हालांकि, कोहली की कप्तानी मे भी भारतीय टींम आईसीसी ट्रॉफी जीतने मे नाकाम रही। बीच मे ऐसा भी समय आया जब उनके फॉम को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे। नतीजन उन्हें कप्तानी से हाथ भी धोना पड़ा। हालांकि, टेस्ट की कप्तानी छोड़ने को लेकर कई तरह के सवाल है। जिस तरह का उनका टेस्ट में और उनकी कप्तानी मे टीम का प्रदर्शन रहा है, उस हिसाब से कोई उन्हें कप्तानी से हटाना नहीं चाहेगा।
रोहित की कप्तानी टीम पर पड़ रही है भारी
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मे ऑस्ट्रेलिया से हार मिलने के बाद एक बार फिर से यह चर्चा का विषय बन गया है। फैंस बीसीसीआई से मांग कर रहें हैं कि उन्हें फिर से कप्तान बनाया जाए। विराट कोहली को कप्तान से हटाने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि विस्फोटक बल्लेबाज और आईपीएल में पांच बार अपनी टीम को ट्रॉफी दिलाने वाले रोहित शर्मा भारत को भी आईसीसी ट्रॉफी दिलाएंगे पर ऐसा ना हो सका। इसके विपरीत प्रदर्शन और खराब होते हुए नजर आए। मालूम हो कि टीम इंडिया को बड़े टूर्नामेंट जैसे एशिया कप 2022 और टी-20 विश्व कप 2022 में हार का सामना करना पड़ा। अब WTC Final 2023 भी इस लिस्ट में शामिल हो गया।
गांगुली को थोड़ी भी इस बात की भनक नहीं थी
इसी कड़ी में उस समय के बीसीसीआई अध्यक्ष रहे सौरव गांगुली का एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि वो खुद नहीं जानते थे कि विराट कप्तानी छोड़ देंगे। इसके लिए बीसीसीआई भी तैयार नहीं था। गांगुली ने कहा कि विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी छोड़ने के बाद उन्हें रोहित शर्मा ही बेस्ट कप्तान के तौर पर विकल्प लगे।
उन्होंने आगे कहा , “BCCI उस वक्त विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। दक्षिण अफ्रीका दौरे के बाद भी ये हमारे लिए काफी मुश्किल से भरपुर था। विराट के कप्तानी छोड़ने के बाद उस समय रोहित शर्मा ही सबसे बेहतर विकल्प थे।”
मैच मे क्या हुआ था ?
मैच की बात करें तो डब्ल्यूटीसी के फाइनल मैच में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था। टॉस हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 469 रन बनाए। इसके जवाब में टीम इंडिया 296 रन पर ही ढेर हो गई। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दूसरी पारी में 270 रन पर ही पारी घोषित की और भारत को 444 रनों का टारगेट दिया। टीम इंडिया ऐसे में दूसरी पारी में 234 रनों पर ढेर हो गई और ऑस्ट्रेलिया ने विश्व टेस्ट चैंपियन का खिताब अपने नाम किया।