Sneezing : वैसे तो छींक आना एक सामान्य क्रिया है। जुकाम होने पर, धूल मिट्टी में सांस लेने पर या साँसों के द्वारा कोई बैक्टीरीया या वायरस नाक में पहुचने पर। छींक आने के ऐसे बहुत से कारण हो सकते हैं। लेकिन हमेशा इन्ही कारणों के वजह से ही छींक आए ऐसा जरूरी नहीं हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बिना समय या अचानक छींक आने के भी कुछ संकेत हो सकते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है की अचानक छींक आने पर कुछ गलत ही होगा कभी-कभी ये कुछ अच्छे होने का भी संकेत दे सकता है। तो आज बात करते हैं छींक आने के शुभ और अशुभ संकेतों के बारे में।
किस समय पर छींक आना शुभ माना जाता है ?
अगर कोई बीमार व्यक्ति दवाई खाते समय छींक दे तो रोगी के लिए शुभ माना जाता है।
अगर आप किसी काम के लिए जा रहें हैं और रास्ते में कहीं गाय छींक दे तो उस काम के पूरा होने की संभावना बढ़ जाती है।
घर से बाहर किसी जरूरी काम से जाते समय घर का कोई सदस्य एक साथ एक से ज्यादा छींक मार दे तो शुभ माना जाता है।
शमशान या किसी दुर्घटना स्थल पर अचानक छींक आने पर शुभ संकेत माना जाता है।
किसी भी कारोबार और व्यापार के शुरू करते समय छींक आने पर उस कारोबार में वृद्धि होने के संकेत माने जाते है।
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किस समय छींक आना अशुभ माना जाता है ? Sneezing
जब आप घर से कहीं बाहर जा रहे हो और कोई आपके पीछे से छींक दे तो आपके लिए अशुभ माना जाता है।
घर मे आए मेहमान के वापिस जाते समय किसी छोटे बच्चे के छींक देने पर उनके रास्ते में कठिनाई होने की संभावना रहती है।
खाना खाने से पहले छींक आने पर कुछ समय के लिए रुक जाना चाहिए। रुक कर तब भोजन करना चाहिए।
किसी नए घर या नई जमीन में प्रवेश करने से पहले छींक आने पर बाहर रुक जाना चाहिए। थोड़ा पानी पीकर या कुछ मीठा खाकर ही प्रवेश करना चाहिए
पूजा-पाठ या किसी धार्मिक काम करते समय छींक आने का अर्थ है की आपके किसी काम में बाधा आने वाली है।
विदेश यात्रा पर जाते समय किसी के छींक देने पर अशुभ माना जाता है। ऐसे में या तो यात्रा स्थगित कर दे या थोड़े समय के लिए रुक जाएँ।