भारतीय टीम के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को बड़ी खुशखबरी मिली है। दरअसल, दिल्ली की फैमिली कोर्ट ने धवन की अलग रह रही पत्नी आयशा मुखर्जी को आदेश दिया है कि वह अपने 9 साल के बेटे को फैमिली गैदरिंग के लिए भारत लाएं। भले ही धवन टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं लेकिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच का पुरा लुफ्त उठा रहें हैं। आपको बता दें कि शिखर धवन फिलहाल इंग्लैंड में हैं और लंदन में खेले जा रहे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारतीय टीम को सपोर्ट करने द ओवल के मैदान पर दिखाई दिए। गौरतलब है कि दोनों ने तलाक और बच्चे की कस्टडी को लेकर भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों जगहों पर कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है। शिखर धवन तीन साल बाद अपने नौ साल के बेटे से मिलेंगे। अदालत ने कहा कि अकेले मां का बच्चे पर विशेष अधिकार नहीं होता है।
आयोजन असफल होने का आयशा ने किया दावा
पटियाला हाउस कोर्ट के जस्टिस हरीश कुमार ने आयशा मुखर्जी को फटकार लगाते हुए कहा कि धवन के परिवार ने अगस्त 2020 से बच्चे को नहीं देखा है। शुरुआत में यह 17 जून के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन फिर बच्चे के स्कूल की छुट्टी और शेड्यूल को देखते हुए 1 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, मुखर्जी ने फिर से आपत्ति जताते हुए दावा किया कि यह आयोजन असफल होगा, क्योंकि नई तारीख के बारे में परिवार के अन्य सदस्यों से सलाह नहीं ली गई थी।
न्यायाधीश ने कहा कि भले ही धवन ने अपने विस्तारित परिवार से परामर्श नहीं किया, इसके गंभीर परिणाम नहीं होंगे। न्यायाधीश ने स्वीकार किया कि बच्चा अगस्त 2020 से भारत नहीं आया है और धवन के माता-पिता तथा परिवार के अन्य सदस्यों को बच्चे से मिलने का अवसर नहीं मिला है। इसलिए जज ने बच्चे के अपने दादा-दादी से मिलने की धवन की इच्छा को वाजिब माना।
धवन की अर्जी पर हो रही है सुनवाई
बता दें कि शिखर धवन और आयशा मुखर्जी के बीच तलाक के साथ बच्चे की कस्टडी को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है। धवन ने इससे पहले कोर्ट में एक अर्जी दायर करते हुए कहा था कि उनकी पत्नी आयशा उनकी छवि खराब करने पर तुली हुईं है। इससे पहले भी जब कोर्ट ने जोरावर को भारत लाने का आदेश दिया था तब आयशा ने कहा थी कि उसे स्कूल जाना होता है। अब फिलहाल स्कूल्स की छुट्टियां पड़ी हुई है जिसको लेकर कोर्ट ने धवन के बच्चे को उनके परिवार से मिलने का आदेश दिया है।