![Shekhar Suman: भाजपा में शामिल हुए शेखर सुमन, बोलें- ‘ईश्वर ने मुझे यहां आने का आदेश दिया’](https://southblockdigital.com/wp-content/uploads/2024/05/Shekhar-Suman-2.jpg)
Shekhar Suman: भाजपा में शामिल हुए शेखर सुमन, बोलें- ‘ईश्वर ने मुझे यहां आने का आदेश दिया’
Shekhar Suman: बॉलीवुड इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर और कई टीवी शोज के होस्ट रह चुके एक्टर शेखर सुमन आज के समय में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। शेखर इन दिनों अपनी हालिया रिलीज वेब सीरीज ‘हीरामंडी द डायमंड बाजार’ को लेकर लगाता सुर्खियों में छाए हुए हैं।
संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में बनी इस सीरीज में लोगों को शेखर का किरदार काफी पदंस आ रहा हैं। वहीं अब एक्टर को लेकर एक बड़ी खाबर सामने आ रही हैं, कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। बीते दिन शेखर सुमन दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल हुए।
पहले भी राजनीती में आजमा चुके है अपना हाथ
आपको बता दें कि इससे पहले भी साल 2009 में अभिनेता ने कांग्रेस के टिकट पर पटना साहिब सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा में थे और शेखर सुमन वह चुनाव हार गए थे।इसे लेकर बीते दिनों एक बातचीत के दौरान शेखर सुमन ने कहा था, ‘मैं डिफॉल्ट रूप से राजनीति से जुड़ा था। ऐसी कोई चाहत नहीं थी। लेकिन कभी-कभी आप भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल हो जाते हैं और मैंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि मैं अपने शहर, अपने समाज और अपने राज्य के लिए कुछ करना चाहता था’।
शेखर ने जताया ईश्वर का आभार
गौरतलब है कि पार्टी में शामिल होने के बाद शेखर सुमन ने कहा, ‘कल तक मुझे खुद नहीं मालूम था कि मैं आज यहां बैठूंगा, क्योंकि जिंदगी में बहुत कुछ जाने-अनजाने होता है। कभी-कभी आप अनभिज्ञ रहते हैं कि आपका मुस्तकबिल क्या है और ऊपर से एक आमद होती है और फिर आप उस आदेश का पालन करते हैं। मैं इस पर बहुत ही सकारात्मक सोच के साथ यहां आया हूं। सबसे पहले मैं ईश्वर का शुक्रिया अदा करूंगा, उन्होंने मुझे यहां आने का आदेश दिया। जो राम ने रचा है, वो आपको करना है।’
इसके अलावा अभिनेता ने पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह सहित अन्य नेताओं का आभार जताया।शेखर सुमन ने आगे कहा, ‘जब आप एक अच्छी सोच के साथ आते हैं तो अच्छा ही होता है। मेरे दिमाग में कोई नकारात्मक ख्याल नहीं है, सिर्फ देश का ख्याल है। मैं समझता हूं कि इंसान शब्दों पर बहुत निर्भर करता है और शब्दों का एक वक्त बाद कोई मायने नहीं होता। मैं चाहूं तो दिनभर यहां बैठकर भाषण दे सकता हूं। लेकिन उसका कोई मतलब नहीं है, मतलब तब होगा, जब मैं कुछ करके दिखाऊं’।