2024 लोकसभा चुनाव से पहले देश की राजनीति कई मुद्दों को लेकर गर्म है। इसमें एक बड़ा मुद्दा भारतीय अरबपति गौतम अडानी से जुड़ा है, जिसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी मामले को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। विपक्ष लगातार जेपीसी जांच की मांग उठा रहा है और अपनी इस मांग को लेकर प्रदर्शन भी कर रहा है। वहीं संसद के बजट सत्र में भी अडानी मामले में जेपीसी जांच की मांग का मुद्दा जोरों-शोरों से गूंजता हुआ नजर आया।
‘हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को क्यों दे रहे महत्व?’
एक ओर जहां विपक्ष लगातार अडानी मामले को लेकर सरकार पर हमलावर है, तो दूसरी ओर विपक्ष के एक बड़े नेता की इस पर राय कुछ अलग नजर आ रही हैं। दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग का समर्थन नहीं किया। शुक्रवार को एक इस इंटरव्यू में शरद पवार इस मामले पर खुलकर अपना पक्ष रखते हुए नजर आए।.
शरद पवार ने कहा कि हम आखिर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को इतना महत्व क्यों दे रहे हैं? इनके बारे में हमने कभी नहीं सुना है, इनका बैकग्राउंड क्या है। हम जब इस तरह के मुद्दों को उठाते हैं, तो ये सोचना चाहिए कि इसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है। इन बातों को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते। ऐसा लगता है कि ये टारगेटेड था।
महंगाई-बेरोजगारी ज्यादा अहम मुद्दे- पवार
NCP प्रमुख शरद पवार ने आगे ये भी कहा कि आजकल अंबानी-अडानी के नामों का इस्तेमाल सरकार की आलोचना के लिए किया जाता है, लेकिन इसके साथ हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि उनका देश के लिए योगदान क्या है। मेरा जानना है कि बेरोजगारी, महंगई और किसान इससे ज्यादा अहम है।
जेपीसी जांच की मांग पर शरद पवार कहते हैं कि इस मामले को लेकर वो कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष द्वारा संसद को ठप करने से सहमत नहीं है। वे आगे कहते हैं कि जेपीसी पर सत्तासीन पार्टी का कब्जा रहेगा, इसलिए सच सामने नहीं आ पाएगा। मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाला पैनल बेहतर तरीके से सच्चाई सामने ला सकता है।