Shankaracharya on Mohan Bhagwat: ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने संघ प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणी पर आलोचना की है। मोहन भागवत ने हाल में ही अपने बयान कहा था कि कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि वो मंदिर और मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। उनके इस बयान पर अब शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पलटवार किया है। मालूम हो कि आरएसएस प्रमुख ने 19 दिसंबर को कई मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता व्यक्त की थी।
Mohan Bhagwat की हालिया टिप्पणी पर पलटवार
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणी की आलोचना करते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “कई हिंदू मंदिर तोड़े जा रहे हैं। यह सच्चाई है। उन्हें हिंदुओं का दर्द महसूस नहीं हो रहा है। यह उनके बयान से स्पष्ट है। वह हिंदुओं की दुर्दशा को सही मायने में नहीं समझते हैं।”
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा, “मोहन भागवत ने दावा किया है कि कुछ लोग नेता बनने के लिए ये मुद्दे उठाते हैं, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आम हिंदू नेता बनने की आकांक्षा नहीं रखते हैं।” मालूम हो कि इससे पहले भी शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि जब उन्हें सत्ता प्राप्त करनी थी, तब वह मंदिर-मंदिर करते थे अब सत्ता मिल गई तो मंदिर नहीं ढूंढ़ने की नसीहत दे रहे हैं।
RSS प्रमुख ने जताई थी चिंता
बता दें कि आरएसएस प्रमुख ने 19 दिसंबर को यह चिंता जताई थी कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग मंदिर-मस्जिद के विवादों को उठा कर “हिंदुओं के नेता” बनने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि अगर कुछ लोग इन मुद्दों को उठाकर नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि आम हिंदू समाज नेता बनने की इच्छा रखता है।