Sensex: आज घरेलू शेयर बाजार ने जबरदस्त उछाल के साथ नया इतिहास रचते हुए एक और ऑल-टाइम हाई का रिकॉर्ड कायम किया। बीएसई सेंसेक्स ने 84,000 अंक का आंकड़ा पार कर लिया, जो बाजार के इतिहास में पहली बार हुआ है। हालांकि, शुरुआती कारोबार में सुस्ती देखने को मिली थी, लेकिन कुछ ही देर में बाजार में तेजी आई और प्रमुख सूचकांक नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए।
शुरुआती कारोबार में सुस्ती के बाद तेज़ी
शुक्रवार को शेयर बाजार की शुरुआत धीमी रही। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने हल्की तेजी के साथ बाजार का रुख किया। सुबह 9:15 बजे सेंसेक्स में करीब 350 अंकों की बढ़त दिखी, जबकि निफ्टी में लगभग 100 अंकों की तेजी देखी गई। हालांकि कुछ ही मिनटों बाद यह तेजी थोड़ी कम हो गई और सेंसेक्स 175 अंकों पर आ गया। इसके बावजूद बाजार ने जल्दी ही वापसी की और सुबह 11 बजे तक सेंसेक्स 816 अंकों की बढ़त के साथ 83,985.07 पर कारोबार कर रहा था। इस दौरान सेंसेक्स ने एक समय 84,026.85 अंकों का उच्चतम स्तर छुआ, जो अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। निफ्टी भी इस दौरान 25,663.45 अंकों के स्तर को छू गया था।
सेंसेक्स और निफ्टी के नए रिकॉर्ड Sensex
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने शुक्रवार को नए रिकॉर्ड स्तर बनाए। सेंसेक्स ने 84,000 अंक के पार जाकर निवेशकों को एक बड़ा मुनाफा दिलाया, जबकि निफ्टी ने भी 25,663.45 का आंकड़ा छुआ। यह तेजी बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है। बाजार में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी और ग्लोबल मार्केट से मिल रहे संकेतों ने इस रिकॉर्ड को संभव बनाया है।
पिछले दिन का रिकॉर्ड और मुनाफावसूली
गुरुवार को भी शेयर बाजार ने अच्छा प्रदर्शन किया था और उस दिन भी सेंसेक्स और निफ्टी ने नए उच्च स्तर को छूआ था। सेंसेक्स ने 83,773.61 अंकों और निफ्टी ने 25,611.95 अंकों का आंकड़ा छुआ था। हालांकि, उच्च स्तर पर मुनाफावसूली के चलते बाजार थोड़ा नीचे आ गया था, लेकिन फिर भी दोनों प्रमुख सूचकांक सकारात्मक बढ़त के साथ बंद हुए थे। सेंसेक्स ने 236.57 अंकों की बढ़त दर्ज की थी और निफ्टी ने 38.25 अंकों की तेजी दिखाई थी।
प्रमुख शेयरों में उछाल
आज के कारोबार में बैंकिंग, आईटी, ऑटो, मेटल्स और एनर्जी स्टॉक्स में जोरदार तेजी देखी गई। इन सेक्टरों के शेयरों में हुई बढ़त ने बाजार को मजबूत बनाए रखा और मुनाफावसूली के दबाव से उबरने में मदद की। सेंसेक्स पर महिंद्रा एंड महिंद्रा और जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयरों में करीब 4-4 फीसदी की तेजी रही, जबकि मारुति सुजुकी, टाटा स्टील और एलएंडटी जैसे शेयरों में 2-2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखी गई। हालांकि, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी और टीसीएस जैसे कुछ शेयरों में मामूली गिरावट आई।
वैश्विक बाजार और फेडरल रिजर्व का असर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बाजार के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की घोषणा के बाद से वैश्विक बाजारों में तेजी का रुख देखने को मिल रहा है। फेड ने ब्याज दर में 0.50 फीसदी की उम्मीद से अधिक कटौती की, जिससे बाजार में सकारात्मक माहौल बना। अमेरिकी बाजार में भी डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज और अन्य प्रमुख सूचकांक नए उच्च स्तर पर पहुंच गए थे। इस अनुकूल वैश्विक माहौल का भारतीय बाजार पर भी असर हुआ और निवेशकों का उत्साह बढ़ा।
बाजार के लिए आगे का रुझान
विश्लेषकों का मानना है कि घरेलू और वैश्विक स्तर पर अनुकूल परिस्थितियों के चलते आने वाले दिनों में भी भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुझान बने रह सकते हैं। हालांकि, बाजार को मुनाफावसूली के दबाव से भी निपटना होगा, खासकर जब सूचकांक नए ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं। बैंकिंग, आईटी, मेटल और ऑटो सेक्टर के शेयरों में बढ़त का सिलसिला जारी रह सकता है, जो बाजार को मजबूत बनाए रखेगा।
वहीं, आर्थिक संकेतकों और फेडरल रिजर्व की नीतियों पर भी बाजार की नजर रहेगी। अमेरिका और अन्य प्रमुख वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन से भारतीय बाजार की दिशा पर असर पड़ सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
तेजी के इस दौर में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। बाजार के इस उच्च स्तर पर मुनाफावसूली का दौर कभी भी शुरू हो सकता है, जिससे शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, जिन सेक्टरों में मजबूत प्रदर्शन हो रहा है, जैसे बैंकिंग, आईटी, ऑटो और मेटल्स, उनमें लंबी अवधि के लिए निवेश करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
निवेशकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बाजार में निवेश हमेशा जोखिम के साथ आता है और इसलिए किसी भी निर्णय से पहले बाजार की स्थिति का अच्छी तरह से विश्लेषण कर लेना चाहिए। इसके साथ ही, वैश्विक संकेतों पर भी नजर रखना जरूरी है, क्योंकि वैश्विक बाजारों में किसी भी प्रकार की हलचल का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ सकता है।
घरेलू शेयर बाजार में आज का दिन ऐतिहासिक रहा, जहां बीएसई सेंसेक्स ने पहली बार 84,000 अंक के पार जाकर निवेशकों को उत्साहित किया। बैंकिंग, आईटी, ऑटो और मेटल सेक्टर के शेयरों में जोरदार तेजी ने इस रिकॉर्ड को संभव बनाया। वैश्विक बाजारों में भी अनुकूल परिस्थितियों और फेडरल रिजर्व के फैसले से बाजार को मजबूती मिली है। हालांकि, आने वाले दिनों में मुनाफावसूली का दौर भी देखने को मिल सकता है, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहते हुए सही फैसले लेने की आवश्यकता है।