बढ़ती गर्मी के साथ राजस्थान का सियासी तापमान भी बढ़ने लगा है। विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत और पायलट के बीच लड़ाई नया मोड़ लेती नजर आ रही हैं। गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने के बाद अब कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ‘जन संघर्ष पदयात्रा’ गुरुवार को अजमेर से शुरू कर दी। दूसरे दिन यात्रा की शुरुआत किशनगढ़ टोल से की गई। इस दौरान सचिन पायलट ने उम्मीद जताई है कि राज्य सरकार उनके द्वारा उठाए मुद्दों पर गौर करेगी।
सचिन पायलट का बड़ा बयान
पायलट ने कहा कि मई की गर्मी में भी लोग इतनी बड़ी संख्या में उनकी यात्रा से इसलिए जुड़ रहे हैं क्योंकि उन्होंने प्रासंगिक मुद्दे उठाए हैं। पायलट ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे और हमारे युवाओं के भविष्य से जुड़ी समस्याएं हमें प्रभावित करती हैं। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आगे कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार है। मुझे उम्मीद है कि मैने जो बात रखी है उसका संज्ञान लिया जाएगा। इस यात्रा के जरिए जनता की आवाज सुनकर, जनता की आवाज बनने का हमारा प्रयास है। जनता की आवाज बनने का काम हम आज से नहीं बल्कि बहुत पहले से करते आ रहे हैं। इसके साथ ही वे ये भी बोले कि यात्रा पूरी होने के बाद वह कोई राजनीतिक फैसला लेंगे।
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सचिन पायलट की इस पदयात्रा को लेकर सियासी पारा अपने चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है। एक तरफ विपक्षी पार्टी बीजेपी यात्रा को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साध रही है। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि सचिन पायलट उनके ही खिलाफ यात्रा निकाल रहे हैं। उनको सचिन पायलट की यात्रा की ओर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही वसुंधरा राजे ने गहलोत को ये भी सलाह दी कि उन्हें मुझ पर निजी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
कांग्रेस ने यात्रा से किया किनारा
दूसरी ओर राजस्थान कांग्रेस उनकी यात्रा से किनारे करते हुए नजर आ रही है। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सचिन पायलट की पदयात्रा को उनकी निजी यात्रा बताया है। उन्होंने साफ कहा है कि ये कांग्रेस की यात्रा नहीं है। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि यात्रा के लिए न तो कांग्रेस आलाकमान से ही अनुमति मिली है और न ही पार्टी की प्रदेश इकाई से।
आपको बता दें कि 11 मई से कांग्रेस नेता सचिन पायलट की ये जन संघर्ष यात्रा अजमेर से शुरू हुई है। पहले दिन यात्रा के दौरान करीब 25 किलोमीटर की दूरी तय की गई। यात्रा में शामिल हुए लोगों ने किशनगढ़ के टोलामल गांव पहुंचकर रात्रि विश्राम किया। इस दौरान पायलट ने अपने समर्थकों को साफ संदेश दिया कि आग का दरिया है, इसे तैर कर पार करना है। यात्रा की शुरुआत में पायलट ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी आवाज उठाने, आपकी आवाज सुनने और जनता की आवाज बनने के लिए इस यात्रा पर निकला हूं।
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