Saturday, November 23, 2024
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Scholarship scam : अंतर्राष्ट्रीय पैरा क्रिकेटर विक्रम नाग की बढ़ीं मुश्किलें, 200 करोड़ के घोटाले के मामले में फंसे, रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी ED

Scholarship scam : अंतर्राष्ट्रीय पैरा क्रिकेटर विक्रम नाग की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। 200 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले (Scholarship scam) मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी की ईडी ने उनको गिरफ्तार किया है।  एजेंसी ने उनको लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट के सामने पेश किया। ED की अपील पर कोर्ट ने विक्रम को पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। बता दें कि विक्रम नाग यूपी के धौरहरा गांव के रहने वाले हैं। दरअसल, ED की टीम ने बुधवार देर रात राजधानी से विक्रम को गिरफ्तार कर लिया। उसे कल सीबीआई की विशेष अदालत में न्यायमूर्ति अजय विक्रम सिंह की अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद अदालत ने उसकी सात दिन की कस्टडी रिमांड को मंजूर करते हुए ईडी के हवाले कर दिया।

Scholarship scam : Vikram Nag arrested
Scholarship scam

Scholarship scam को अंजाम देने का लगा है आरोप

सूत्रों के मुताबिक, विक्रम नाग छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम देने वाले हाइजिया एजूकेशन ग्रुप के साथ मिलकर दिव्यांगों के नाम पर फर्जी खाते खोलकर छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपए हड़प चुका है।  ईडी की जांच में सामने आया था कि हाइजिया ग्रुप दिव्यांगों के फर्जी बैंक खाते खुलवाकर खुब पैसे कमाता था। और जांच के बाद यह पता लगा कि अंतराष्ट्रीय पैरा क्रिकेटर विक्रम नाग हाइजिया ग्रुप के एजेंट के रूप में काम करता है। वह दिव्यांगजनों के सर्टिफिकेट, शैक्षणिक दस्तावेज और निवास प्रमाण पत्र आदि हासिल करने के बाद उनको सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देता था।  इसके बाद सारे दस्तावेज हाइजिया ग्रुप को सौंप देता था, जिसके बाद दिव्यांगों का फर्जी बैंक खाता खोलकर छात्रवृत्ति की रकम को हड़पा जाता है।

ED के जांच में विक्रम नाग पाए गए आरोपी

बता दें कि मीडिया में जो खबरें है उसके अनुसार पैरा क्रिकेटर ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है। गरीबी में पले बढ़े और संसाधनों के अभाव में रहकर भी अपने लक्ष्य को हासिल करने में लगे रहे। कुछ महीने पहले वह अपने छोटे भाई के साथ लखनऊ में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर काम कर परिवार की रोजी रोटी चला रहा था। पुरानी बातचीत में उसने बताया था कि बचपन से ही क्रिकेट का शौक था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते बल्ला भी नहीं खरीद सके। इसलिए टेनिस स्टिक से क्रिकेट खेलते थे। लखनऊ में नौकरी के दौरान ही उन्हें ट्रॉयल की जानकारी हुई, जिसमें शामिल हुए और यूपी टीम में चयनित हो गए। वर्ष 2016 में प्रदेश की टीम के कप्तान बने। 2018 में इंडिया पैरा क्रिकेट टीम में चयन हुआ। इसके बाद वह क्रिकेट खेलने बांग्लादेश गए। वहां देश को जीत मिली।

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