Kerala : केरल के पलक्कड़ जिले में हाल ही में आयोजित तीन दिवसीय समन्वय बैठक ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का केंद्र बना दिया है। इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उससे जुड़े 32 संगठनों के 300 से अधिक पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति ने इस आयोजन को और महत्वपूर्ण बना दिया।
इस बैठक के दौरान कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया, लेकिन जिस बात पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है, वह है केरल में बीजेपी की राजनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने के लिए संघ का प्रयास।
केरल में संघ का प्रभाव
केरल में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में संघ लंबे समय से सक्रिय है और अपने सेवा कार्यों के माध्यम से समाज में गहरी पैठ बना चुका है। इस बात की पुष्टि TV9 भारतवर्ष की एक रिपोर्ट से होती है जिसमें उन्होंने पलक्कड़ जिले के कुछ गांवों का दौरा किया। इन गांवों में संघ के झंडे और बैनर व्यापक रूप से देखने को मिलते हैं, जो कि संघ की मजबूत उपस्थिति का प्रतीक हैं। यहां बीजेपी की स्थिति अभी भी उभरती हुई है, लेकिन संघ की सहायता से वह धीरे-धीरे अपने पैर जमाने में सफल हो रही है।
पलक्कड़ से 16 किलोमीटर दूर स्थित रामासेरी गांव का उदाहरण लिया जाए तो वहां संघ का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। गांव के विभिन्न हिस्सों में संघ और बीजेपी के झंडे एक साथ लहराते हुए दिखते हैं, जिससे यह साफ होता है कि कैसे संघ के माध्यम से बीजेपी को सामाजिक और राजनीतिक समर्थन मिल रहा है। यहां के एक स्थानीय बीजेपी काउंसलर अच्चूतानांदन एसपी के अनुसार, “हम संघ की वजह से ही यहां जीत सके हैं। संघ का समर्थन न होता, तो हम कुछ नहीं कर सकते थे।”
पलक्कड़ जिले का चयन: एक रणनीतिक निर्णय | Kerala
संघ ने अपनी इस महत्वपूर्ण बैठक के लिए केरल के पलक्कड़ जिले को चुना, और इसके पीछे का कारण भी बेहद महत्वपूर्ण है। पलक्कड़ वही जिला है, जहां 2022 में बीजेपी ने म्यूनिसिपल चुनावों में जीत दर्ज की थी। यह जीत इसलिए भी खास थी क्योंकि यह केरल की एकमात्र ऐसी म्यूनिसिपालिटी है, जहां बीजेपी सत्ता में आई। 52 काउंसलर वाली इस म्यूनिसिपालिटी में बीजेपी के 28 काउंसलर जीते थे, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना थी। इस जीत ने बीजेपी को राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में मदद की है।
पलक्कड़ म्युनिसिपैलिटी की चेयरमैन प्रमिला शशिधरण ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि पलक्कड़ की इस जीत के पीछे संघ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। संघ ने जिस तरह से गांव-गांव में सेवा कार्यों के जरिए अपनी पकड़ मजबूत की है, उसने बीजेपी को एक मजबूत राजनीतिक आधार प्रदान किया है।
ये भी पढ़ें : Haryana के चुनावी दंगल में पहलवानों की एंट्री, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को कांग्रेस ने दिया टिकट
संघ के सेवा कार्य और उनके प्रभाव
पलक्कड़ के सूरदास नगर में संघ द्वारा संचालित बच्चों के अनाथालय और ब्लाइंड एवं बहरे लोगों के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर जैसे सेवा प्रकल्प संघ के सेवा कार्यों का जीवंत उदाहरण हैं। इन सेवा केंद्रों का संचालन स्थानीय लोगों की सहायता से किया जा रहा है और इनमें किसी भी सरकारी मदद का सहारा नहीं लिया गया है। संघ के ये प्रयास राज्य में सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
संघ की इन गतिविधियों के माध्यम से, केरल के लोगों के मन में संघ और उसके संगठनों के प्रति एक सकारात्मक छवि बन रही है। इसके परिणामस्वरूप, बीजेपी को भी चुनावों में इसका लाभ मिल रहा है। 2024 के लोकसभा चुनावों के दृष्टिकोण से, संघ का यह समन्वय बैठक और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह बैठक केरल में बीजेपी के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करने में मदद कर सकती है।
केरल में बीजेपी के वोट प्रतिशत में सुधार
संघ की सेवा गतिविधियों के साथ-साथ, केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ भी केरल के लोगों तक पहुंचाने में बीजेपी को मदद मिली है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान योजना और हर घर नल योजना जैसी योजनाओं का लाभ केरल के लाखों लोगों तक पहुंचा है। इसके अलावा, राज्य में 1020 किलोमीटर के नेशनल हाईवे का निर्माण भी केंद्र सरकार द्वारा कराया गया है, जिससे बीजेपी को राजनीतिक लाभ मिला है।
बीजेपी ने इस बार केरल में अपना सबसे बेहतर वोट प्रतिशत हासिल किया है, जिसका मुख्य कारण केंद्र सरकार की इन योजनाओं के लाभार्थी हैं। 2.33 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है, जबकि 2 लाख घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हैं। इसी तरह, 3.5 लाख लोग उज्ज्वला योजना के लाभार्थी हैं, और 28 लाख परिवारों को आयुष्मान योजना का लाभ मिला है। ये सभी योजनाएं बीजेपी को केरल में एक मजबूत राजनीतिक ताकत बनाने में मदद कर रही हैं।
भविष्य में बीजेपी राज्य में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत
संघ की यह समन्वय बैठक केरल में बीजेपी के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण संकेत देती है। केरल जैसे राज्य में, जहां वामपंथी और कांग्रेस का वर्चस्व रहा है, बीजेपी ने संघ के समर्थन से अपने लिए एक स्थान बनाया है। संघ के सेवा कार्यों और केंद्र सरकार की योजनाओं के जरिए बीजेपी ने राज्य में अपनी पैठ मजबूत की है। हालांकि, बीजेपी को अभी भी संघ की उंगली पकड़कर ही आगे बढ़ना होगा, लेकिन जिस तरह से संघ ने केरल में अपनी पकड़ मजबूत की है, उससे यह साफ है कि भविष्य में बीजेपी राज्य में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत बन सकती है।