Salasar Balaji Temple: राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर बालाजी मंदिर भगवान हनुमान जी के एक विशेष रूप को समर्पित है, जिसमें उनकी प्रतिमा दाढ़ी-मूंछ के साथ विराजमान है। यह प्रतिमा भारत में अद्वितीय मानी जाती है और इसके प्रति श्रद्धालुओं में असीम आस्था है। यही कारण है कि यह मंदिर पूरे देशभर में प्रसिद्ध है और भक्तों का एक प्रमुख तीर्थ स्थल भी है। यहाँ लोग भगवान हनुमान के इस विशेष रूप की पूजा-अर्चना के लिए दूर-दूर से आते हैं, विशेषकर मंगलवार को मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
दिवाली का पर्व और सालासर बालाजी मंदिर की विशेषता
दिवाली का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है। इसे अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक माना जाता है और इस दिन भक्त अपने घरों और मंदिरों में पूजा-पाठ और दीप जलाते हैं। सालासर बालाजी मंदिर में भी दिवाली का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए, मंदिर में विशेष आयोजन किए जाते हैं ताकि वे दिवाली के इस पावन पर्व पर बालाजी के दर्शन कर सकें और उनकी कृपा प्राप्त कर सकें।
दिवाली 2024 की तारीख पर असमंजस और समाधान
इस वर्ष दिवाली की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, जिसे लेकर काशी में विद्वानों और ज्योतिषियों ने एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में यह तय किया गया कि 31 अक्टूबर 2024 को दिवाली का पर्व मनाना शास्त्र सम्मत और धर्म संगत होगा। इस निर्णय से भक्तों के मन में जो असमंजस की स्थिति थी, वह भी समाप्त हो गई। सालासर बालाजी मंदिर प्रशासन ने भी इस तिथि की पुष्टि करते हुए घोषणा की कि 31 अक्टूबर को ही मंदिर में दिवाली पूजन का आयोजन किया जाएगा।
सालासर बालाजी मंदिर का दिवाली पूजन और अन्नकूट उत्सव
सालासर बालाजी मंदिर ने सोशल मीडिया पर, विशेषकर X (पहले ट्विटर) के माध्यम से एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। मंदिर के पुजारी राजेंद्र जी ने बताया कि इस दिन विशेष पूजा का आयोजन होगा और भक्तगण दिवाली के अवसर पर भगवान बालाजी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। दिवाली के इस पावन पर्व पर मंदिर को सुंदर रोशनी और फूलों से सजाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 2 नवंबर 2024 को अन्नकूट का आयोजन भी किया जाएगा। अन्नकूट उत्सव में भगवान बालाजी को विभिन्न प्रकार के पकवान अर्पित किए जाते हैं, जिसे भक्तगण प्रसाद के रूप में प्राप्त कर आशीर्वाद लेते हैं।
श्रद्धालुओं की श्रद्धा और मंदिर की दिव्यता
दिवाली के अवसर पर सालासर बालाजी मंदिर की दिव्यता देखते ही बनती है। मंदिर प्रांगण को सुंदरता से सजाया जाता है, जिससे एक अद्भुत वातावरण का निर्माण होता है। इस समय यहाँ बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं और मंदिर की दिव्य ऊर्जा को महसूस करते हैं।
दिवाली के दिन सालासर बालाजी के दर्शन का महत्व
सालासर बालाजी मंदिर में दिवाली के अवसर पर भगवान बालाजी के दर्शन करना भक्तों के लिए विशेष महत्त्व रखता है। यहाँ की मान्यता है कि इस दिन बालाजी की विशेष कृपा मिलती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। यह दिन श्रद्धालुओं के लिए भी विशेष होता है क्योंकि वे बालाजी से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं।
सालासर बालाजी मंदिर में दिवाली का पर्व भक्तों के लिए एक विशेष अवसर है, जहाँ वे बालाजी की दिव्य मूर्ति के दर्शन कर अपनी आस्था को सुदृढ़ कर सकते हैं। इस वर्ष 31 अक्टूबर को मंदिर में दिवाली पूजन और 2 नवंबर को अन्नकूट का आयोजन किया जाएगा। यह पर्व भक्तों के लिए एक महत्त्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे बालाजी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।