पंजाब प्रांत के तरनतारन जिले में स्थित सरहाली पुलिस थाने पर रॉकेट लॉन्चर जैसे ही एक हथियार से हमला किया गया है। गनीमत की बात ये है कि इस हमले में किसी को कोई नुकसान नहीं हुई है। इस हमले के पीछे खालिस्तानी आतंकियों का हाथ माना जा रहा है। पुलिस सूत्रों का भी मानना है कि तरनतारन आरपीजी फायर अटैक एक आतंकी हमला है और जिसके पीछे खालिस्तान समर्थक आतंकियों के हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के पैतृक गांव में आरपीजी फायर किया गया है। मौके पर पुलिस के तमाम आला अधिकारी पल-पल की स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
9 पुलिसकर्मी थे थाने में मौजूद
पंजाब के DGP गौरव यादव ने आज सुबह सरहाली पुलिस स्टेशन पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है। डीजीपी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि कि बीती रात करीब 11 बजकर 22 मिनट पर RPG का हाईवे से ग्रेनेड दागाकर सांझा केंद्र में कम तीव्रता का धमाका हुआ था। जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई थी। हमले के दौरान एसएचओ प्रकाश सिंह समेत करीब 9 जवान ड्यूटी पर मौजूद थे। फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर प्रारंभिक जांच की, जिसमें जानकारी मिली कि सरहाली थाने के सुविधा केंद्र पर किए गए हमाले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर खालिस्तानी आतंकियों के द्वारा नापाक मंसूबे को अंजाम देना था।
पुलिस ने दर्ज की FIR
आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के पैतृक गांव में आरपीजी फायर किया गया है और इसके पीछे का मकसद है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकी रिंदा के टेरर को जिंदा बनाए रखना चाहती है। फिलहाल थाने पर हुए हमले के बाद पुलिस ने UAPA के तहत FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसी के साथ ही तकनीकी और फॉरेंसिक टीमे भी हर पहलू पर जांच कर रही है। अपराधिक एंगल से भी एक-एक सुराग को टीम इक्ट्ठा करने में लगी हुई है। पुलिस अधिकारियों की माने तो आतंकियों के नापाक मंसूबों पर एक तरह से पानी फिर गया है।
देर रात कायराना हरकत
वहीं डीजीपी ने अपने बयान में सबसे बड़ी बात कही कि इस साल तकरीब 200 ड्रोन क्रॉसिंग हो चुके हैं। पिछले 1 महीने में कई ड्रोन को रोका गया है। हेरोइन के साथ-साथ भारी मात्रा में हथियारों को ज़ब्त करने का सिलसिला जारी है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि मेरा मानना है कि दुश्मन देश बौखलाया हुआ है और ध्यान भटकाने के लिए रात में कायरतापूर्ण हमला कर रहा है।
तो क्या जिंदा है रिंदा
बता दें कि इसी वर्ष अगस्त माह में पंजाब पुलिस के मोहाली स्थित स्टेट इंटेलिजेंस हेड क्वार्टर पर भी ठीक ऐसा ही एक रॉकेट लॉन्चर अटैक किया गया था। जो बाद में एक आतंकी हमला ही निकला था। वहीं इस हमले के पीछे खालिस्तानी समर्थक आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा के जिंदा रहने की खबरों पर से पर्दा उठता दिखाई दे रहा है। सूत्रों की माने तो रिंदा अभी मरा नहीं है और पाकिस्तान में वह जिंदा है. उसने जानबूझकर अपने मरने की अफवाह फैलाई थी, जिससे भारतीय जांच एजेंसियों का उस पर से ध्यान हट सके। वहीं इस हमले में रिंदा का अहम रोल माना जा रहा है। फिलहाल जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जाएगा।