दिल्ली विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग के शोधार्थियों विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मामला आर्यभट्ट कॉलेज में हो रही स्थाई सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति की स्क्रीनिंग से जुड़ा है। दरअसल, धांधली और भेदभाव का आरोप लगाते हुए शोधार्थियों ने कला संकाय के प्रांगण में कॉलेज प्रशासन और प्राचार्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के द्वारा स्क्रीनिंग में शॉर्टलिस्अ करने की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों का इस पर कहना था कि बौद्ध अध्ययन विभाग को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इतिहास के संबद्ध विषय के रूप में प्रमाणित किया गया है। लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुछ कॉलेज ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अव्हेलना करते हुए स्क्रीनिंग सूची से हटाकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को ताक पर रखकर अपनी मनमानी की। इसमें आर्यभट्ट कॉलेज भी शामिल है।
आपको बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन में बौद्ध अध्ययन विभाग के दर्जनों शोधार्थी शामिल हुए और अपना विरोध प्रदर्शित किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी इस मामले को संज्ञान में लेते हुए उचित कार्यवाही करने की मांग की। वहीं इस पर कॉलेज प्रिंसिपल प्रो. मनोज सिंन्हा ने इस मामले का उचित समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।