पंजाब नेशनल बैंक में 13 हजार करोड़ से अधिक के घोटाले मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी आरोपी हैं। इनसे जुड़ी अब एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) नोटिस हटा लिया है। जानकारी के अनुसार मेहुल चोकसी ने रेड कॉर्नर नोटिस के खिलाफ इंटरपोल के लियोन हेडक्वार्टर में अपील की गई थी, जिसके बाद ही ये फैसला लिया गया है।
CBI के लिए झटका
रेड कॉर्नर नोटिस हटाने का सीधा मतलब ये है कि पीएनबी धोखाधड़ी में वॉन्टेड हीरा कारोबारी अब इंटरपोल के लिए वॉन्टेड नहीं है। इस फैसले को भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। आपको बता दें कि 195 देश इंटरपोल के मेंबर हैं। रेड नोटिस जारी होने पर संबधित व्यक्ति को अस्थायी तौर पर हिरासत में लिया जा सकता है या गिरफ्तार किया जा सकता है। जिस देश में उसकी गिरफ्तारी हुई है, उस देश के कानून के अनुसार ही उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। वहीं कई मामलों में उसे उस देश के हवाले (प्रत्यर्पण) भी कर दिया जाता है, जहां वो वांटेड होता है।
गौरतलब है कि रेड कॉर्नर नोटिस ने चोकसी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। एंटीगुआ पासपोर्ट पर 32 देशों में बिना वीजा के यात्रा को भी बैन कर दिया। अब नोटिस वापस लेने से चोकसी दुनिया भर में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकता है।
2018 में देश छोड़कर भागा था चोकसी
आपको बता दें कि PNB घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें उसने ये आरोप लगाए थे कि भारत सरकार और दो भारतीय एजेंटों के द्वारा जून 2021 में उसे एंटीगुआ से अगवा करने और जबरन डोमिनिकन रिपब्लिक ले जाने की कोशिश की थी। इसी घटना ने चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस हटाने जाने ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जबकि सूत्रों के अनुसार एंटीगुआ वाली घटना से चोकसी ने खुद ही वहां से निकलने की कोशिश की थी।
गौरतलब है कि साल 2018 में वो देश छोड़कर भाग गया था। इसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था। चोकसी तब तक एंटीगुआ और बारबूडा में छिपा हुआ था। हालांकि बाद में उसे वहां की नागरिकता मिल गई।