Raveena Tandon: 90 के दशक की फेमस अभिनेत्री रवीना टंडन की आज भी तगड़ी फैन फॉलोइंग हैं। उन्होंने 100 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है। वहीं एक्ट्रेस इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म ‘पटना शुक्ला’ को लेकर सुर्खियों में छाई हुई हैं। हाल ही में, रवीना ने फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी कुछ हैरान करने वाली बातों का खुलासा किया हैं।
फिल्म इंडस्ट्री को लेकर रवीना ने किया बड़ा खुलासा
आपको बता दें कि हाल ही में एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि, उन्होंने 90 के दशक में फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। उस वक्त उन्हें एक धारणा से लड़ना पड़ा था। वे फिल्मों में स्टीरियोटाइप हो रही थी। उन्होंने कहा कि 90 के दशक में हालत ऐसी थी कि अभिनेत्रियों को अपने ही करियर की रणनीति बनाने का मौका नहीं मिलता था।
अभिनेत्रियों को अपना काम चुनने की आजादी बहुत ही कम थी। रवीना ने आगे कहा, जब हमारे करियर की शुरुआत हुई थी तो हम एक वक्त में एक या दो फिल्मों में काम नहीं करते थे। हम एक साथ 10 से 12 फिल्में किया करते थे। कुछ फिल्मों के बारे में ऐसा कहा जाता था कि अगर उसमें कोई बड़ा अभिनेता और बड़ा निर्देशक है तो फिल्म सुपरहिट साबित होगी। उन दिनों में फिल्मों को लेकर ज्यादा चयन नहीं होता था।
एक्ट्रेस को मिलते थे कम पैसे
गौरतलब है कि रवीना ने आगे बताया, उन दिनों अभिनेत्रियों को ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे। एक हीरो एक फिल्म से जितना कमा लेता था, एक अभिनेत्री उतना पैसा 15 से 16 फिल्मों में काम करने के बाद ही कमा पाती थी। उन्होंने स्टीरियोटाइपिंग का कारण बताते हुए कहा कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि हमें अपने को स्थापित करने में वक्त लगा।
जब वे फिल्में रिलीज होने लगती थी, जिनमें छह सुपरहिट गाने और वही एक जैसे सीन होते थे तो इस तरह की और भी फिल्मों में काम मिलने लगता था। ऐसी स्थिति में आंख मूंदकर उन फिल्मों को साइन कर लिया जाता था। करियर प्लानिंग नाम की कोई चीज थी ही नहीं।
उन्होंने दीपिका पादुकोण का जिक्र करते हुए कहा कि फिल्म ‘ओम शांति ओम’ के बाद पांच-छह फिल्म करते ही दीपिका को ‘बाजीराव मस्तानी’ में काम करने का मौका मिल गया था। उन्हें वैसा काम करने का मौका मिला, जैसा वे करना चाहती थीं। हमें अपनी पंसद का काम करने का मौका बड़ी देर से मिलता था। इसके लिए पहले 20 फिल्में करनी पड़ती थी।