Rani Mukherjee: बॉलीवुड इंडस्ट्री की जानी मानी एक्ट्रेस रानी मुखर्जी आए दिन सुर्खियों में छाई रहती है। रानी अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग रखती हैं। वह इंडस्ट्री में कई सालों से काम कर रही हैं। उन्होंने कई शानदार फिल्मों में काम किया है और दुनियाभर में उनकी एक्टिंग को बहुत पसंद किया जाता है।
वहीं आज Rani Mukherjee ने हिंदी सिनेमा में27 साल का सफर पूरा कर लिया है। रानी ने अपने करियर की शुरुआत साल 1997 की फिल्म राजा की आएगी बारात से की, जिसमें उनके अभिनय को दर्शकों के जरिए खूब सराहा गया था। अभिनेत्री ने 27 साल पूरे होने पर खुशी व्यक्त की है और पहली फिल्म से जुड़े कुछ किस्से भी साझा करती नजर आई हैं।
अपनी पहली फिल्म को लेकर Rani Mukherjee ने की बात
आपको बता दें कि एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान रानी मुखर्जी ने अपने इस शानदार सफर की खुशी जाहिर की और कहा, ‘ऐसा नहीं लगता कि 27 साल बीत गए हैं। इस वक्त जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो ऐसा लगता है जैसे मैंने कुछ साल पहले ही डेब्यू किया हो।’ उन्होंने अपनी पहली फिल्म को लेकर कहा, ‘राजा की आएगी बारात, मेरी पहली फिल्म और उस फिल्म से मैंने जो सीखा, उसके बारे में सोचना कुछ ऐसा है जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगी।’
एक्ट्रेस ने आगे कहा, ‘मैं उस समय अंजान थी मुझे तब एहसास नहीं हुआ कि वह सिनेमा की जादुई दुनिया थी, जिसमें मैं जा रही थी। मैं यह नहीं करना चाहती थी लेकिन मुझसे करने के लिए कहा गया था, इसलिए मैं इसमें शामिल हो गई, और मुझे ज्यादा समझ नहीं आया।’
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एक्ट्रेस नहीं बनना चाहती थी Rani Mukherjee
Rani Mukherjee ने अपने करियर को लेकर बताया कि उनके दिमाग में इंटीरियर डिजाइनर जैसे कुछ पेशे चुनने का विचार था। हालांकि, अगर वह एक अभिनेत्री नहीं होतीं, तो उन्हें दर्शकों से इस तरह का प्यार नहीं मिलता, जो उन्हें पिछले 27 सालों में हासिल हुआ है। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने परिवार से परे, व्यवस्थित रूप से एक परिवार बनाया है, जो मुझे लगता है कि मेरे लिए बहुत कीमती है। हमारे प्रशंसकों को आम तौर पर इसका एहसास नहीं होता है, लेकिन जब हम अपने प्रति उनके प्यार को देखते हैं तो हमें जो उत्साह मिलता है, वह हमें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है।’
Rani Mukherjee ने अपने पिता की दिल की सर्जरी के बारे में बात करते हुए कहा, ‘यह मुझे इस तथ्य पर भी ले जाता है कि मेरे पिता की उस समय एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिल की सर्जरी हो रही थी और मुझे याद है कि वह मेरी पहली फिल्म देखने के लिए थिएटर गए थे। अस्पताल से वापस आते समय उन्हें छुट्टी मिल गई।
Rani Mukherjee ने आगे कहा कि, मुझे याद है कि जब दर्शकों ने मेरे संवादों पर तालियां और सीटियां बजाईं तो मुझे जो प्यार मिला, उसे देखकर वह खुशी में एक बच्चे की तरह रो पड़े थे। वह याद कुछ ऐसी है जो मुझे कभी नहीं छोड़ेगी। उनका उत्साह, उनका गौरव और मेरे प्रति उनका प्यार मेरी मौखिक व्याख्या से परे है। आखिरकार, उनकी बेटी एक फिल्म स्टार बन गई, कुछ ऐसा जिसकी उन्होंने मेरे लिए कभी कल्पना भी नहीं की होगी।’