Latha Rajinikanth : साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत वैसे तो अक्सर ही अपनी फिल्मों के कारण सुर्खियों का कारण बने रहते हैं। हालांकि बीते कुछ समय से उनकी पत्नी लता रजनीकांत जमकर चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। दरअसल, लता पर कुछ समय पहले धोखाधड़ी का आरोप लगा था। इसको लेकर उनके खिलाफ मुदकमा भी दर्ज हुआ था।
ये मामला रजनीकांत की फिल्म कोचादियान से जुड़ा हुआ है, जिसे कुछ समय पहले कर्नाटक हाईकोर्ट से रद्द कर दिया गया था। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इसे फिर से बहाल कर दिया गया है। फिलहाल इस मामले में बेंगलुरु की अदालत ने लता रजनीकांत को जमानत दे दी है। ऐसे में अब आखिरकार उन्होंने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा है कि यह सेलिब्रिटी होने के लिए चुकाई जाने वाली कीमत है।
लता रजनीकांत ने आरोपों को किया खारिज
दरअसल, लता रजनीकांत ने खुद पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि, “मेरे लिए, यह एक लोकप्रिय व्यक्ति के अपमान और उत्पीड़न और शोषण का मामला है। यह वह कीमत है, जो हम सेलिब्रिटी होने के लिए चुकाते हैं। तो मामला भले ही बड़ा न हो, लेकिन खबर बहुत बड़ी हो जाती है। कोई धोखाधड़ी नहीं है। सह सिर्फ हमारी छवि खराब करने की एक साजिश थी, जिससे मैं निजात पा चुकी हूं।”
मेरा पैसों से कोई लेना-देना नहीं है – लता रजनीकांत
लता रजनीकांत का कहना है कि जिस पैसे के बारे में बताया जा रहा है, उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। यह मामला मीडिया वन और संबंधित लोगों के बीच है। वे पहले ही समझौता कर चुके हैं और यह सारा विषय उनके बीच है। गारंटर के रूप में उन्होंने यह सुनिश्चित भी किया है कि उन्हें भुगतान कर दिया गया है। हालांकि इसके बावजूद भी उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि लता रजनीकांत जिस मामले में फंसी हैं, ये अभी का नहीं बल्कि साल 2014 का है। दरअसल, चेन्नई स्थित एड ब्यूरो एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड ने 2014 की फिल्म के अधिकारों को लेकर उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उसने फिल्म के निर्माताओं में से एक, मीडिया वन को 10 करोड़ रुपये उधार दिए थे और आरोप लगाया था कि लता रजनीकांत ने गारंटर के रूप में हस्ताक्षर किए थे। हालांकि इसके बाद जब मीडिया वन द्वारा पैसे का भुगतान नहीं किया गया, तो गारंटर के रुप में हस्ताक्षर करने के लिए लता रजनीकांत इस मामले में फंस गई।