Rajesh Khanna Bungalow: बॉलीवुड इडस्ट्री के सितारों के घर देखने के लिए लोग दूर- दूर से आते हैं। एक्टर के घर की खूबसूरती मानों मुंबई शहर की रौनक हो, जिसमें शाहरुख खान का बंगला ‘मन्नत’ सलमान खान का ‘गैलेक्सी अपार्टमेंट’, या फिर अमिताभ बच्चन का आलीशान घर ‘जलसा’। ये बॉलीवुड के पॉपुलर घरों में से एक हैं।
लेकिन एक दौर में बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार के बंगले ‘आशीर्वाद’ के भी खूब चर्चे रहे। इसकी वजह इसकी खूबियां नहीं, बल्कि इसका शापित होना था। ये आलीशान बंगला सुपरस्टार राजेश खन्ना का था जिसकी कीमत 90 करोड़ रुपए थी।
पहले सुपरस्टार का बंगला था शापित | Rajesh Khanna Bungalow
बता दें कि राजेश खन्ना के बंगले की कीमत 90 करोड़ रुपए थी। महल जैसे ये घर अरब सागर के सामने कार्टर रोड पर बना था। इतने आलीशान और महंगे बंगले में रहना हर किसी की ख्वाहिश होती है। लेकिन कहा जाता है कि इस घर में जो भी रहा उसके बुरे दिन शुरू हो गए। दावा किया जाता है कि इस घर में तीन सुपरस्टार रहे और तीनों का करियर तबाह हो गया। ‘आशीर्वाद’ घर के पहले सेलिब्रिटी ओनर भरत भूषण थे।
1950 के दशक की शुरुआत में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में उनकी सिक्का चलता था। उन्होंने बैजू बावरा, मिर्जा गालिब, गेटवे ऑफ इंडिया और बरसात की रात जैसी कई हिट फिल्में दीं। उस दौर में उनकी तुलना राज कपूर और दिलीप कुमार जैसे सुपरस्टार्स के साथ हुआ करता था।
लेकिन उनके बुरे दिन तब शुरू हुए जब वे ‘आशीर्वाद’ में रहने लगे। इस घर में शिफ्ट होने के कुछ साल बाद ही उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं। हालत ये रही की 1960 तक आते-आते भरत भूषण कर्ज तले दब गए। इसके बाद उन्होंने ये बंगला बेच दिया और तब से ही इस घर को शापित कहा जाने लगा। इस बंगले को सस्ते में मिलता देख राजेंद्र कुमार ने खरीद लिया।
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भरत भूषण के बाद बर्बाद हुआ ये एक्टर | Rajesh Khanna Bungalow
राजेंद्र कुमार ने अपने एक दोस्त के कहने पर यहां एक पूजा भी कराई ताकि इसके शापित होने के असर से बच सके। उन्हें शायद पूजा का फायदा भी हुआ और घर में रहने के बाद पहली बार वे कामयाब हुए। लेकिन 1968-69 तक आते-आते उनकी फिल्में भी फ्लॉप होने लगी और वे आर्थिक तंगी से जूझने लगे।
इसके बाद उन्होंने भी ये घर बेच दिया जिसे सुपरस्टार राजेश खन्ना ने 70 के दशक में खरीदा। राजेश खन्ना ने उस वक्त 17 हिट फिल्में दी थीं। 1975 तक आते-आते राजेश खन्ना की फिल्में भी फ्लॉप होने लगीं। उनकी पत्नी डिंपल कपाड़िया भी अपने बच्चों के साथ उनका घर छोड़कर चली गईं।
लेकिन राजेश खन्ना ने ‘आशीर्वाद’ को नहीं छोड़ा। वे साल 2011 में अपने आखिरी दिनों तक ‘आशीर्वाद’ में ही रहे। राजेश खन्ना के बाद उनका ये घर साल 2014 में एक बिजनेसमैन ने खरीदा। लेकिन उन्होंने दो साल बाद 2016 में इसे तोड़ कर जमींदोज कर दिया गया। इन तमाम खबरों के सामने आने के बाद इसे ‘भूतिया बंगले’ का टैग मिल गया।