Rajasthan: भारत एक विशाल देश है. भारत में हर धर्म के लोग रहते है. अनेकता में एकता भारत की ताकत है. देश में मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च, बोद्ध मठ और कई धार्मिक स्थल हैं. इन धार्मिक स्थलों में लोगों की भीड़ लगी रहती है. भारत के हर गांव, हर शहर, में मंदिर – मस्जिद हैं पर क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसी भी जगह है जहां न एक भी मंदिर है और न एक भी मस्जिद. ये सुनकर शायद आप भी चौंक गए होंगे, लेकिन ये बात सच है. इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.
तो आइए इस बारे में जानते हैं. तो ये जगह दरअसल, राजस्थान में है. दरअसल, इस गांव का नाम लांबा की ढाणी है. ये राजस्थान के चुरू जिले में स्थित एक गांव है. इस गांव में न एक भी मस्जिद है और न ही एक भी मंदिर. दरअसल, यहां 68 साल पहले एक बड़ा फैसला हुआ था कि गांव में अगर किसी की मृत्यु होती है तो अस्थियों का विसर्जन नहीं किया जाएगा. उसी समय से इस गांव के लोग मरने वालों की अस्थियों को जलाकर राख कर देते हैं, साथ ही इस बात को भी कहा जाता है कि यहां के लोगों को उपर वाले पर विश्वास नहीं है.
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बताया जाता है कि यही कारण है कि इस गांव में न एक भी मस्जिद है और न ही एक भी मंदिर. इस गांव के लोग मेहनत और कर्म पर यकीन रखते हैं. साथ ही कहा जाता है किसी भी धर्मकांड पर ये विश्वास नहीं रखते. इस तरह ये भारत का एकलौता ऐसा गांव है जहां मंदिर और मस्जिद नहीं है. साथ ही इस गांव की बात की जाए तो इस गांव से 100 से ज्यादा परिवार रहते हैं. इस गांव के लोग सेना, पुलिस, रेलवे और मेडिकल फिल्ड में अपना योगदान दे रहे है.