Recently updated on September 3rd, 2024 at 06:37 pm
Rajasthan: राजस्थान सब-इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 के पेपर लीक मामले में एक बड़ा मोड़ आया है, जब राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य रामूराम राईका को राजस्थान पुलिस के विशेष संचालन समूह (SOG) द्वारा गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पहले से ही राईका के बेटे और बेटी सहित पांच अन्य व्यक्तियों को हिरासत में लिया जा चुका है। यह घटना न केवल राजस्थान की परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि प्रदेश में शिक्षा और रोजगार की स्थिति पर भी गहरी छाप छोड़ती है।
पेपर लीक का खुलासा
राजस्थान सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक की खबरें सामने आने के बाद, SOG ने मामले की जांच शुरू की। इस जांच के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे हुए। राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हजारों छात्रों के लिए यह घटना एक बड़ा झटका थी। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब पता चला कि इसमें शामिल लोगों में राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य के परिवार के सदस्य भी शामिल थे।
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पूर्व RPSC सदस्य की गिरफ्तारी | Rajasthan
रविवार को SOG ने रामूराम राईका के बेटे और बेटी को गिरफ्तार किया। आरोप है कि उन्होंने परीक्षा में सफल होने के लिए पेपर लीक कर उसका लाभ उठाया। इसके अलावा, राईका को भी गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने बच्चों को यह पेपर उपलब्ध कराया था। ADG सोग वीके सिंह ने बताया कि पूर्व RPSC सदस्य को अपने बच्चों की मदद के लिए गिरफ्तार किया गया और सोमवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस रिमांड की मांग की गई।
लगातार गिरफ्तारियां | Rajasthan
रामूराम राईका के अलावा, उनके बेटे देवेश रायमा और बेटी शोबा राईका को भी गिरफ्तार किया गया। इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने लीक हुए पेपर का उपयोग करके परीक्षा में पद हासिल किया। इसके अलावा, मंजू देवी, अविनाश पाल्सानिया और विजेंद्र कुमार नामक तीन अन्य प्रशिक्षुओं को भी गिरफ्तार किया गया। इन पांचों को राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) से हिरासत में लिया गया और SOG कार्यालय में पूछताछ के लिए लाया गया।
कानूनी कार्रवाई
SOG ने इस मामले में अब तक तीन अलग-अलग चार्जशीट फाइल की हैं, जिनमें कुल 61 अभियुक्त शामिल हैं। इनमें से 33 प्रशिक्षु उप-निरीक्षणकर्ता हैं, चार चयनित उम्मीदवार हैं जिन्होंने अभी तक सेवा में शामिल नहीं हुए थे और 24 अन्य व्यक्ति हैं जो पेपर लीक गिरोह से जुड़े थे। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अभी भी 65 अन्य आरोपियों की खोज चल रही है। इस मामले में आगे की जांच जारी है और इसके लिए SOG हर संभव प्रयास कर रही है।
राजस्थान में शिक्षा और रोजगार की स्थिति पर असर
यह मामला राजस्थान में परीक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर करता है। राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह घटना एक निराशाजनक संदेश देती है। यह मामला यह भी दर्शाता है कि कैसे सत्ता में बैठे लोग और उनके परिवार के सदस्य अपने पद का दुरुपयोग करके आम लोगों के अधिकारों का हनन करते हैं। इससे राज्य में शिक्षा और रोजगार की स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
राजस्थान सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इसके दोषियों को कड़ी सजा देने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना की निंदा की है और यह भी कहा है कि राज्य सरकार इस मामले में पूरी जांच कराएगी और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि राज्य में परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
राजस्थान सब-इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 का पेपर लीक मामला राज्य की परीक्षा प्रणाली और शासन व्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी है। इस मामले में पूर्व RPSC सदस्य रामूराम राईका और उनके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सत्ता में बैठे लोग भी कानून से ऊपर नहीं हैं। राज्य सरकार और SOG की यह जिम्मेदारी है कि वे इस मामले की पूरी जांच करें और दोषियों को सख्त सजा दिलाएं, ताकि राज्य में शिक्षा और रोजगार की प्रक्रिया को फिर से पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया जा सके।