Rajasthan High Court में न्यायिक सेवा से तीन वरिष्ठ अधिकारियों को न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए भारत सरकार के विधि मंत्रालय ने हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया है। यह नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा केंद्र सरकार को भेजी गई सिफारिशों पर आधारित है। नियुक्ति के बाद राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 34 हो जाएगी।
Recruitment process and background
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जोधपुर महानगर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर शर्मा, राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल प्रमिल कुमार माथुर और जयपुर महानगर द्वितीय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्र प्रकाश श्रीमाली के नामों की सिफारिश की थी। इन तीनों अधिकारियों की सिफारिश केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार की गई और नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब राष्ट्रपति भवन से नियुक्ति वारंट की प्रतीक्षा की जा रही है। संभावना है कि 27 जनवरी को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा।
न्यायिक अधिकारियों का परिचय और अनुभव
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चंद्रशेखर शर्मा
- वर्तमान में जोधपुर महानगर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं।
- उनका जन्म 3 जुलाई 1967 को हुआ और 21 जनवरी 1992 को वे न्यायिक सेवा में नियुक्त हुए।
- 21 अप्रैल 2010 को उन्हें जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया।
- उनकी कार्यक्षमता और न्यायिक अनुभव को देखते हुए अब उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है।
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प्रमिल कुमार माथुर
- वर्तमान में राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पद पर कार्यरत हैं।
- इनका जन्म 3 फरवरी 1966 को हुआ और 21 जनवरी 1992 को न्यायिक सेवा में नियुक्ति मिली।
- 21 अप्रैल 2010 को वे जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत हुए।
- उनकी प्रशासनिक दक्षता और कानूनी विशेषज्ञता के कारण अब उन्हें हाईकोर्ट न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है।
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चंद्र प्रकाश श्रीमाली
- वर्तमान में जयपुर महानगर द्वितीय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं।
- उनका जन्म 2 अगस्त 1965 को हुआ और 21 जनवरी 1992 को न्यायिक सेवा में नियुक्ति मिली।
- 15 जुलाई 2013 को वे जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत हुए।
- उनकी दीर्घकालिक सेवा और न्यायिक योगदान को देखते हुए उन्हें हाईकोर्ट न्यायाधीश बनाया गया है।
राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की स्थिति
राजस्थान हाईकोर्ट में वर्तमान में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 50 है, लेकिन अभी 31 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जिनमें मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हैं। इन तीन नए न्यायाधीशों की नियुक्ति से यह संख्या बढ़कर 34 हो जाएगी। हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ने से लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आने की उम्मीद है।
न्यायिक सेवा का योगदान
1992 बैच के ये तीनों अधिकारी अपने कार्यकाल में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी नियुक्ति से राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया और अधिक सुदृढ़ होगी। साथ ही, न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी।
राजस्थान हाईकोर्ट में तीन वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति से न्यायिक प्रणाली को नई ऊर्जा मिलेगी। इन नियुक्तियों से न केवल न्याय प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि यह राज्य की न्यायिक प्रणाली के समग्र विकास में भी सहायक साबित होगा। शपथ ग्रहण के साथ ही यह नई जिम्मेदारी इन अधिकारियों को न्यायपालिका में नए आयाम स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगी।