कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार विवादों में फंसे हुए है। BJP नेता पूर्णेश मोदी द्वारा किए गए मानहानि केस में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। हालांकि इस बीच पटना हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता को बड़ी राहत मिली है। पटना अदालत में दायर ‘सभी चोरों का सरनेम क्यों होता है?’ वाली टिप्पणी को लेकर BJP नेता सुशील मोदी द्वारा आपराधिक मानहानि मामले में लंबित कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने सोमवार को 16 मई तक रोक लगा दी है।
जस्टिस संदीप सिंह की पीठ ने यह आदेश राहुल गांधी द्वारा दायर की गई याचिका में पारित किया, जिसमें मामले को खारिज करने की मांग की। इस मामले को 18 अप्रैल को अदालत के समक्ष रखा गया था और सुनवाई के लिए आज पोस्ट किया गया था।
यह भी पढ़ें: मानहानि मामला: सूरत कोर्ट ने बरकरार रखी राहुल गांधी की सजा, अब हाईकोर्ट का रूख करेंगे कांग्रेस नेता
पेश होने का था निर्देश
दरअसल, पटना की अदालत ने 31 मार्च को गांधी को 12 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था, ताकि मानहानि के मामले में उनका बयान दर्ज किया जा सके। लेकिन गांधी अदालत के सामने ऐसी तारीख पर उपस्थित होने में विफल रहे और गांधी के लिए परिषद ने उपस्थिति के लिए एक और तारीख का अनुरोध किया। अदालत ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए राहुल गांधी को 25 अप्रैल को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। इस बीच राहुल गांधी ने पटना उच्च न्यायालय का रुख किया था। गांधी ने पटना उच्च न्यायालय में पटना अदालत के मामले में पेश होने के समन को चुनौती दी।
गांधी के वकील ने तर्क दिया था कि पटना अदालत के समक्ष मामला “दोहरे खतरे” के सिद्धांत से प्रभावित है क्योंकि गांधी को पहले ही सूरत की अदालत ने उसी टिप्पणी के लिए दोषी ठहराया है, जो सुशील मोदी की पटना कोर्ट में दायर मानहानि शिकायत की याचिका का केंद्र है। दलीलों को सुनने और हलफनामे के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने मानहानि मामले की कार्यवाही पर 16 मई तक रोक लगा दी।
इससे पहले राहुल गांधी को अप्रैल 2019 में करोल में लोकसभा चुनाव की रैली के दौरान दिए गए कथित मानहानिका वाले बयान पर पूर्णेश मोदी अदालत द्वारा एक शिकायत पर दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा सुनाई गई। बाद में जब सूरत सेशनल कोर्ट में अपील की गई तो कोर्ट ने दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
यह भी पढ़ें: ‘किस आधार पर लगाया गया NSA?…’ Youtuber Manish Kashyap मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब