भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त अरुण गोयल और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फिर सुनवाई हुई। दरअसल, इस मामले में दायर याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयुक्तों के चयन का काम सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, प्रधानमंत्री और लोकसभा में नेता विपक्ष की कमिटी को सौंपा जाना चाहिए। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल को लेकर सवाल खड़े हो रहे है।
चुनाव आयुक्त पद की नियुक्ति से जुड़ी फाइल
इससे पहले बुधवार को इस संबंध में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने केंद्र की मोदी सरकार से अरुण गोयल की चुनाव आयुक्त पद की नियुक्ति से जुड़ी फाइल तलब की थी। शीर्ष अदालत द्वारा कहा गया था कि हम देखना चाहते हैं कि गोयल की नियुक्ति में कौनसी प्रक्रिया अपनाई गई? पीठ की इस आदेश के बाद केंद्र सरकार ने पीठ को चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति की फाइल सौंपी है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के मोदी सरकार को चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति की फाइल सौंपने को कहा था जिसके बाद केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार को पीठ के समक्ष चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की फाइल पेश की।
कोर्ट ने क्या कहा था ?
इस मामले पर सुनवाई जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ कर रही है। संविधान पीठ में सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर वेंकटरामी से कोर्ट ने कहा था कि हम देखना चाहते हैं कि नियुक्ति कैसे हुई किस प्रक्रिया का पालन किया गया ? कोर्ट ने कहा था कि कुछ ऐसा वैसा तो नहीं हुआ क्योंकि गोयल ने हाल ही में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी ? साथ ही अदालत ने कहा था कि अगर नियुक्ति कानूनन सही है तो घबराने की जरूरत नहीं है।