Prakash Raj Statement: ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) अपने रिलीज के बाद से ही कई विवादों में घिर चुकी है। यह फिल्म 11 मार्च 2022 में रिलीज हुई थी। तब से कोई ना कोई इस फिल्म में दर्शाए गए सीन्स को घटिया प्रोपेगेंडा कहता नजर आया है, वही अब इस कड़ी में साउथ इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार प्रकाश राज (Prakash Raj) का भी नाम शामिल हो गया है। आपको बता दें कि कुछ समय पहले इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के ज्यूरी हेड नडाव लैपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को एक ‘घटिया प्रोपेगेंडा’ वाली फिल्म बता दिया था।
"Forget Vivek Agnihotri Getting An Oscar, He Won't Even Get a Bhaskar…" pic.twitter.com/20AaFJliXU
— @Reasonyourself (@Reasonyourself) February 6, 2023
प्रकाश राज ने की ‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना
प्रकाश पिछले सप्ताह केरल में ‘मातृभूमि अंतर्राष्ट्रीय पत्र महोत्सव’ में पहुंचे थे। कार्यक्रम में प्रकाश ने कहा कि, द कश्मीर फाइल्स बकवास फिल्मों में से एक है, लेकिन हम जानते हैं कि इसे किसने प्रोड्यूस किया है। बेशर्म। अंतरराष्ट्रीय जूरी उन पर थूकती है। वे अब भी बेशर्म हैं। निर्देशक अभी भी कह रहा है, ‘क्यों मुझे ऑस्कर नहीं मिल रहा है?’ आपको बता दें पिछले साल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इजरायली फिल्म मेकर नडाव लैपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को वल्गर और प्रोपेगेंडा से भरपूर बताया था, जिसके बाद उनकी काफी फजीहत भी हुई थी। हालांकि इसके बाद फिल्ममेकर ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि ये मेरा नहीं पूरी ज्यूरी का कहना था और तब ज्यूरी मेंबर्स ने नडाव लैपिड की बात का समर्थन किया था।
‘पठान’ को लेकर भी की टिप्पणी
प्रकाश राज ने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘पठान’ के बारे में भी बात की और कहा कि लोग इस फिल्म को बंद करवाना चाहते थे, लेकिन इस फिल्म ने तो 700 रोड़ का बिजनेस कर लिया है। प्रकाश राज ने आगे कहा कि, ‘वो बस भौंक रहे हैं। वो काटेंगे नहीं। सिर्फ ध्वनि प्रदूषण है।’ गौरतलब है कि नडाव लेपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को प्रोपेगेंडा वाली फिल्म बताया था, तो विवेक अग्निहोत्री ने एक वीडियो बनाकर पलटवार किया था। ऐसे में अब देखना यह होगा कि विवेक अग्निहोत्री, प्रकाश राज के इस बयान पर किस तरह रिएक्ट करेंगे। आपको बता दें कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार जैसे एक्टर्स नजर आए थे। इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों द्वारा 90s में झेले गए पलायन और उनके नरसंहार की दर्दनाक दशा को दर्शाया गया था।