Home धर्म Prachin Neelkanth Shiv Mandir : मेहमूद गजनवी ने की थी इस...

Prachin Neelkanth Shiv Mandir : मेहमूद गजनवी ने की थी इस शिवलिंग को तोड़ने की कोशिश, पर शिवलिंग अपनी जगह से हिला तक नहीं

0
205
Prachin Neelkanth Shiv Mandir

Prachin Neelkanth Shiv Mandir : भारत एक मात्र ऐसा देश है जहा सबसे ज़ादा इनवेशन हुए है। हमारे कई मंदिरो पर हमला भी हुआ है और उन्हें नष्ट करने की कोशिश की गयी है। गोरखपुर से 30 किलोमीटर दूर खजनी कस्बे के सरया तिवारी गांव में प्राचीन नीलकंठ महादेव का शिव मंदिर है। मंदिर के पुजारी बताते है की इस मंदिर में स्थित शिवलिंग हज़ारो साल पुराना है। जब विदेशी आक्रमणकारी मेहमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण किया, उसके निशाने पर यह शिवमंदिर भी था। उसने पुरे मंदिर को तेहेस नेहेस कर दिया परन्तु शिवलिंग टस से मस भी नहीं हुआ। उसने कई बार शिवलिंग पर आक्रमण किया लेकिन शिवलिंग अपनी जगह से हिला तक नहीं। यहाँ तक की उसके साथ के मुस्लमान धर्मगुरुओं ने यह तक बोला की इस शिवलिंग में स्वयं ईश्वर की शक्तियां विराजमान है। तुम इस शिवलिंग का कुछ नहीं कर पाओगे।

 

Gorakhpur neelkanth mahadev unique temple and its unique history | एक क्रूर शासक ने इस शिवलिंग पर बरपाया था कहर, हिंदू न कर पाएं पूजा इसलिए उठाया ये नापाक कदम लेकिन... |

गजनवी द्वारा जितनी बार भी इस शिवलिंग पर वार किया गया उतनी ही बार रक्त की धारा निकल पड़ती। शिवलिंग को कई बार तोड़े जाने पर भी न कामयाब होने पर गजनवी ने कुछ ऐसा किया जिससे हिन्दू उस शिवलिंग का स्पर्श भी न करे। थक हार के उसने शिवलिंग पर आक्रमण न कर अरबी भाषा में कलमा गुदवा दिया ‘ ला इलाहा इलाल्लाह मोहम्मद उररसूलउल्लाह ‘ ताकि हिंदू इस शिवलिंग की पूजा न करे। हालाकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। आज भी इस मंदिर में कई श्रद्धालु आते है और जलाभिषेक कर शिवलिंग को पूजते है।

 

ये भी पढ़ें :  Idana Mata Temple : बहुत खास है यें मंदिर, अग्नि दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लगती ही भारी भीड़

 

कहते है गजनवी ने जितनी गहरायी तक इस शिवलिंग को खोदा, शिवलिंग उतना ही बढ़ता गया। एक और चौकाने वाली बात ये है की इस मंदिर के आसपास के टीलों की खुदाई कर जो कंकाल मिले , उनकी लंबाई 10 से 12 फीट थी। उनके साथ कई और दूसरे हथियार भी मिले थे । जो 18 फीट तक थे। इस मंदिर की छत को कई बार बनवाने की कोशिश भी की गयी। लेकिन किसी न किसी कारण छत न बन सकी। इस मंदिर में विराजमान शिवलिंग खुले आसमान के निचे ही रहना पसंद करते। यह शिवमंदिर हिन्दू धार्मिक महत्व का केंद्र बना हुआ हैऔर लाखो की संख्या में श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन करने आते है।