कर्नाटक में जारी वोटिंग के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र राजस्थान के दौरे पर पहुंचे। कर्नाटक के बाद अब राजस्थान में भी चुनाव की बारी है। इसी साल राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जिससे पहले कांग्रेस की आपसी लड़ाई की वजह से सियासी पारा चरम पर पहुंचता जा रहा है।
साधा एक-दूसरे पर निशाना
प्रधानमंत्री राजस्थान की जनता के लिए आज 5500 करोड़ रुपये की सौगात लेकर आए। यहां उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। पीएम मोदी के कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत भी मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी और सीएम गहलोत ने एक ही मंच से एक-दूसरे पर सियासी तंज कसा। गहलोत इस दौरान विपक्ष का सम्मान करने की बात कहते हुए दिखे, तो वहीं पीएम मोदी ने कांग्रेस के शासनकाल में रुके विकास कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर पहले ही मेडिकल कॉलेज बना दिए जाते तो देश में डॉक्टर्स की कमी नहीं होती।
वहीं, इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने पीएम मोदी के सामने एक बार फिर ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को पूरा करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी हो उसे विपक्ष का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि बिना विपक्ष के सत्ता पक्ष कुछ नहीं है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा कि कुछ लोग ऐसी विचारधारा के शिकार हो चुके हैं और इतनी नकारात्मकता से भरे हुए हैं कि वो देश में कुछ भी अच्छा होते देखना ही नहीं चाहते हैं। इन लोगों को विवाद खड़ा करना ही अच्छा लगता है। कुछ लोग उपदेश देते हैं कि आटा पहले या डाटा पहले, सड़क पहले या सैटेलाइट पहले। इतिहास गवाह है तेज विकास के लिए मूल सुविधाओं के साथ आधुनिक इंफ्रा बनाना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो कदम कदम को वोट के तराजू से तोलते हैं वे देश को ध्यान में रखकर योजना नहीं बना पाते हैं।
गहलोत बोले- गुजरात से आगे निकल गया राजस्थान
राजस्थान में सियासी हलचल तेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब राजस्थान का सियासी पारा अपने चरम पर पहुंचता जा रहा है। सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच तकरार बढ़ती चली जा रही है। हाल ही में अशोक गहलोत ने एक बड़ा बयान देते हुए ये दावा किया था कि 2020 में जब राजस्थान में राजनीतिक संकट आया था और उनकी सरकार खतरे में थी, तो पूर्व मुख्यमंत्री और BJP नेता वसुंधरा राजे सिंधिया ने उनकी सरकार बचाई थी। इसके बाद बीते ही दिन सचिन पायलट ने उनके इस बयान को लेकर तंज कसते हुए कहा कि गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे हैं। इसके साथ ही पायलट ने ये भी ऐलान किया कि वसुंधरा सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार की जांच की अपनी मांग को लेकर 11 मार्च को जन संघर्ष पदयात्रा निकालने का ऐलान किया है। इससे पहले पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर भी बैठ चुके हैं। पीएम मोदी से एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी राजस्थान पहुंचे हैं। इन सब सियासी हलचल के बीच राजस्थान की राजनीति क्या मोड़ लेती है, ये देखना दिलचस्प रहने वाला है।