PM Awas Yojana Rural: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने ग्रामीण भारत में गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सशक्त बनाने का एक सशक्त माध्यम साबित किया है। इस योजना के तहत दूसरे चरण का सर्वेक्षण आरंभ हो रहा है, जिसका उद्देश्य है ग्रामीण परिवारों, विशेष रूप से महिलाओं को स्वामित्व प्रदान करते हुए उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित करना।
महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
दूसरे चरण में सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि मकानों का स्वामित्व लाभार्थी परिवार की महिला सदस्य के नाम पर ही होना चाहिए। पीएमएवाई (ग्रामीण) में पहले ही ‘महिला स्वामित्व’ और ‘संयुक्त स्वामित्व’ का प्रावधान है, लेकिन अब इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। पुरुषों के नाम पर मकानों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, योजना के पहले चरण में 74% मकान अकेले या संयुक्त रूप से महिलाओं के नाम पर दर्ज किए गए थे। दूसरे चरण का उद्देश्य इसे 100% तक ले जाना है, जिससे महिलाओं का सामाजिक दर्जा और उनकी वित्तीय सुरक्षा बढ़ेगी।
आठ वर्षों की उपलब्धियां
पीएमएवाई (ग्रामीण) को शुरू हुए आठ साल पूरे हो चुके हैं। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी। इन आठ वर्षों में इस योजना ने लाखों गरीब परिवारों को पक्के और सम्मानजनक घर प्रदान किए हैं। योजना की सफलता का मापदंड केवल मकानों की संख्या नहीं है, बल्कि यह भी है कि इन मकानों ने लाभार्थियों की जीवन गुणवत्ता को कैसे सुधारा।
दूसरे चरण का नया सर्वेक्षण: आवास-प्लस 2024
योजना के दूसरे चरण में पात्र लाभार्थियों की पहचान के लिए आवास-प्लस 2024 नामक नया सर्वेक्षण शुरू किया जा रहा है। इसमें ‘स्वयं सर्वेक्षण’ का प्रावधान रखा गया है, ताकि किसी भी पात्र व्यक्ति को योजना से वंचित न रहना पड़े। इच्छुक व्यक्ति मोबाइल ऐप के जरिए अपनी तस्वीर और अन्य आवश्यक जानकारी अपलोड कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और लाभार्थियों तक योजना की पहुंच सुनिश्चित करेगी।
सर्वेक्षण के मानदंड और लक्ष्य
इस सर्वेक्षण में पात्रता तय करने के लिए 10 मानदंड निर्धारित किए गए हैं। सरकार के पास पहले से ही 1.2 करोड़ लाभार्थियों की सूची है। नए सर्वेक्षण के माध्यम से 80 लाख अतिरिक्त लाभार्थियों की पहचान की जाएगी। यह प्रक्रिया 2024 से 2029 तक चलेगी। इसके अलावा, जिन नामों को भविष्य में योजना का हिस्सा बनाना संभव होगा, उन्हें सरप्लस सूची में शामिल किया जाएगा।
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पहली सूची और अपडेट प्रक्रिया
योजना के लाभार्थियों की मूल सूची सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना (SECC) 2011 पर आधारित थी। इसे 2018 में आवास-प्लस सर्वे के माध्यम से अपडेट किया गया था। नए सर्वेक्षण से यह सुनिश्चित होगा कि जरूरतमंद लोग योजना का लाभ उठा सकें और किसी भी पात्र परिवार को नजरअंदाज न किया जाए।
राज्यों को निर्देश और समयसीमा
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों को 30 नवंबर 2024 तक सर्वेक्षण पूरा करने और 31 दिसंबर 2024 तक पात्र परिवारों के लिए आवास स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं। मकानों का निर्माण एक वर्ष के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे योजना का उद्देश्य अधिक तेज़ी से पूरा होगा।
महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम
पीएमएवाई (ग्रामीण) का दूसरा चरण न केवल गरीबों को पक्का घर प्रदान करने की दिशा में एक पहल है, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मकानों का स्वामित्व महिलाओं के पास होने से न केवल उनका आत्मसम्मान बढ़ेगा, बल्कि उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा भी मिलेगा।
यह योजना ग्रामीण भारत में बदलाव की एक मिसाल बनकर उभर रही है, जहां हर घर को एक ठोस छत और हर महिला को सशक्तिकरण का आधार मिलेगा।