Ayodhya : अयोध्या से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। एक मानसिक मंदित युवती की नृशंस हत्या ने न केवल उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ा, बल्कि पूरे गांव को आक्रोश से भर दिया है। परिजन और ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि दोषियों को ऐसी सजा दी जाए जिसको सुनते ही ऐसी घटना को अंजाम देने से पहले अपराधियों के रूह काँप जाये।
क्या है घटना ?
कोतवाली अयोध्या क्षेत्र के एक गांव में मानसिक रूप से कमजोर युवती की निर्मम हत्या कर दी गई। पड़ोसी पुत्तीलाल बताते हैं कि मृतका बहुत हंसमुख और मिलनसार स्वभाव की थी। वह गांव में सभी की लाडली थी और घरेलू कार्यों में मदद करती थी।
घटना वाले दिन वह रोज की तरह रात में घर का काम खत्म करने के बाद बाहर गई थी। जब देर रात तक वापस नहीं लौटी, तो परिवार को चिंता हुई। उन्होंने गांववालों के साथ मिलकर तलाश शुरू की।
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निर्वस्त्र हालत में मिला शव
शनिवार सुबह जब खोजबीन फिर से शुरू हुई तो गांव के बाहर एक सूखी नहर में युवती का निर्वस्त्र शव मिला। उसके शरीर पर कई चोटों के निशान थे। उसके कपड़े पहले ही नहर के पास पड़े मिले थे, जिससे अनहोनी की आशंका गहरी हो गई थी।
युवती के बुजुर्ग पिता ने बताया कि खोज के दौरान आईटीआई कॉलेज के पास एक खुले बाथरूम में बालू के ढेर पर रखी एक बोरी खून से सनी मिली। यह देखकर उनका कलेजा कांप गया। शव की हालत देख ग्रामीणों की भी रूह कांप उठी। युवती के हाथ-पैर पेड़ से बंधे थे और उसके निजी अंगों पर गहरे चोटों के निशान थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस ने डॉक्टरों के एक पैनल से पोस्टमार्टम कराया, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से बचती रही। सूत्रों के अनुसार, युवती की मौत अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई। उसकी पसलियां टूटी पाई गईं और शरीर पर 30 से अधिक चोटों के निशान थे, जो उसकी निर्मम हत्या की कहानी बयान कर रहे थे।
गांव में रोष और न्याय की मांग
घटना के बाद पूरे गांव में गुस्से का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि दोषियों को फांसी दी जाए, ताकि भविष्य में कोई इस तरह की दरिंदगी करने की हिम्मत न करे। गांव की शबनम बताती हैं कि शव की स्थिति इतनी भयावह थी कि उसे देखकर रोंगटे खड़े हो गए।
वहीं, मृतका के पिता और भाई ने पुलिस से गुहार लगाई है कि उनकी बेटी तो चली गई, लेकिन अपराधियों को ऐसी सजा दी जाए जिससे अपराधियों की भी रूह कांप उठे। पुलिस ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया और पांच दिन का समय मांगा है।
न्याय की राह पर पुलिस की सुस्ती
पुलिस की सुस्त कार्यशैली को लेकर लोगों में आक्रोश है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के 24 घंटे बाद भी पुलिस यह बताने से बच रही है कि युवती के साथ दुष्कर्म हुआ या नहीं। एक ओर जहां पूरा गांव दोषियों की गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग कर रहा है, वहीं पुलिस की धीमी जांच पर सवाल उठ रहे हैं।
दोषियों को कठोर सजा देने की मांग
गांववाले मांग कर रहे हैं कि दोषियों को फांसी की सजा दी जाए, ताकि समाज में ऐसी घटनाओं पर लगाम लग सके। विवेक सिंह, सोनू सिंह और सुरेश कुमार समेत कई ग्रामीणों ने कहा कि अगर अपराधियों को सख्त सजा नहीं मिली, तो यह भविष्य में और भी लड़कियों के लिए खतरा बन सकता है।
यह घटना न केवल अयोध्या बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और क्या पीड़िता के परिवार को न्याय मिल पाएगा या नहीं।