Save Sammed Shikhar ji : सम्मेद शिखर जी को जैनियों का सबसे बड़ा और प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता हैं। दरअसल, झारखंड के गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखर जी (Save Sammed Shikhar ji) को सरकार की तरफ से पर्यटन स्थल बनाने का नोटिफिकेशन जारी किया गया हैं। इसी के बाद से जैन समाज के लोगों में आक्रेश है और जैन समाज सड़कों पर उतर आया है।
देश भर के कई राज्यों में जैन समाज विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, नर्मदापुरम, सागर और खंडवा के अलावा कई जिलों में ज्यादातर व्यापारियों ने दुकानें बंद करके विरोध के रूप में रैली निकाली है। जयपुर में 25 दिसंबर को इसी संदर्भ में विशाल मौन रैली एवं धर्म सभा भी की जाएगी।
जानिए किस बात पर हो रहा है प्रदर्शन
बता दें कि झारखंड सरकार के प्रस्ताव के बाद केंद्र सरकार ने जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटक स्थल घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी किया हैं। साथ ही सम्मेद शिखर जी के एक हिस्से को वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी की है। इसके बाद से अब यहां (Save Sammed Shikhar ji) होटल, रेस्टोरेंट और बार बनाए जाएंगे, जहां शराब, अंडा और मांस-मदिरा भी बेचा जाएगा।
जैन समाज का कहना है कि इस फैसले से जैन समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ होगा। जैन तीर्थ स्थल (Save Sammed Shikhar ji) को संरक्षित करने की मांग के लिए जैन समाज विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। जैन धर्म के लोगों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से लोग यहां मंदिर में दर्शन करने की जगह मौज-मस्ती के लिए आएंगे।
क्यों खास है शिखर जी ?
सम्मेद शिखर जी, जैन समाज का प्रमुख तीर्थ स्थल (Save Sammed Shikhar ji) हैं, जो लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस पवित्र तीर्थ स्थल में 20 तीर्थंकर भगवान और अनगिनत जैन मुनियों की निर्वाण स्थली है। 20 तीर्थंकर भगवान और कई मुनि महाराज ने इसी जगह से अपने तप और त्याग की आराधना से मोक्ष की प्राप्ति की थी। इसलिए इस पर्वतराज को पर्यटक स्थल घोषित करने पर जैन समाज में गुस्सा है।
उनका कहना है कि पर्यटक स्थल होने की वजह से यहां पर शराब, मास-मंदिरा और अनैतिक कार्यों की अनुमति मिल जाएगी, जो जैन समाज की ही नहीं बल्कि जैन धर्म का भी अपमान होगा। लोगों के कहना है कि झारखंड सरकार को अपने इस फैसले पर विचार कर तुरंत इस प्रस्तवा को वापस लेना चाहिए। लोगों ने साथ ही कहा कि राज्य सरकार को किसी की आस्था से खिलवाड़ा का कोई अधिकार नहीं हैं। बता दें कि जब से सम्मेद शिखर जी (Save Sammed Shikhar ji) को पर्यटन स्थल बनाने संबंधी अधिसूचना जारी हुई है तब से जैन समाज में इसको लेकर काफी गुस्सा है।