Supreme Court: पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन को सोमवार को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी थी। राष्ट्रपति ने इस नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। इस समय सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत 34 पदों में से 2 पद खाली थे। जस्टिस चंद्रन की नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में 33 जज हो जाएंगे। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उनकी नियुक्ति की घोषणा की।
Supreme Court कॉलेजियम ने की थी सिफारिश
कॉलेजियम ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि ‘उन्होंने (न्यायमूर्ति चंद्रन ने) 11 साल से अधिक समय तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में और एक साल से अधिक समय तक एक बड़े उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान, न्यायमूर्ति चंद्रन ने कानून के विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किया है।’
कॉलेजियम ने कहा था कि न्यायमूर्ति चंद्रन उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संयुक्त अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में 13वें स्थान पर हैं। ऐसे में कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से सिफारिश की है कि न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन को भारत के सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया जाए।
पटना हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस के रूप में दे चुके हैं सेवा
बता दें कि जस्टिस चंद्रन को पदोन्नत करके पटना हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था। वह 29 मार्च 2023 से इस पद पर कार्यरत हैं। पटना हाई कोर्ट से पहले वो केरल हाई कोर्ट के जज के रुप में 10 साल तक काम किया। केरल हाईकोर्ट का अब तक सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिनिधित्व नहीं था। यह कमी न्यायमूर्ति चंद्रन की नियुक्ति से पूरी हो हो गई। वे केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीशों में वरिष्ठता में पहले स्थान पर थे।
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