Parveen Babi : बॉलीवुड इंडस्ट्री की मशहुर अभिनेत्री परवीन बाबी के नाम से आज के समय में कोई भी अनजान नहीं हैं। परवीन बाबी 70-80 के दशक की सबसे खूबसूरत और ग्लैमरस एक्ट्रेसेस की लिस्ट शामिल थी। एक्ट्रेस के लाखों चाहने वाले रहे हैं। परवीन पहली बॉलीवुड एक्ट्रेस थी जिन्हें इंटरनेशनल टाइम मैगजीन के कवर पेज पर जगह मिली थी।
एक्ट्रेस ने अमर अकबर एंथोनी, शान, नमक हलाल, कालिया जैसी दर्जनों बेहतरीन फिल्मों में काम किया हैं आज भी लोग उनकी फिल्मों के दीवाने हैं। लेकिन आज भी लोग इस बात से अंजान है कि आखिर परवीन की इतनी दर्दनाक स्थिति में मौत कैसे हुई।
बता दें कि परवीन को एक लाइलाज बीमारी पैरानॉइड सिजोफ्रैनिया थी। जिसकी वजह से एक्ट्रेस ने अमिताभ बच्चन, बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स, जॉन एफ कैनेडी तक को अपनी जान का दुश्मन समझने लगी थीं।
अपार्टमेंट में तीन दिन तक सड़ती रही थी परवीन की लाश
आपको बता दें कि परवीन बाबी के दरवाजे के बाहर अखबार और दूध के पैकेट तीन दिनों से इकट्ठा होते जा रहे थे। दरवाजे पर ना ताला डला था और ना ही अंदर से पिछले तीन दिनों से कोई बाहर निकला। जब पड़ोसी इकट्ठा हुए तो उन्हें संदेह हुआ। दरवाजे के पास गए तो सड़न की बदबू से ज्यादा देर वहां रुक नहीं सके। स्थिति संदिग्ध थी तो पड़ोसियों ने पुलिस को कॉल कर जानकारी दी।
पुलिस पहुंची, दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला और फिर जब दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर पहुंची तो रोंगटे खड़े कर देने वाला मंजर आंखों के सामने था। कमरे में परवीन बाबी की लाश बिस्तर पर पड़ी थी, लेकिन पहचानने लायक नहीं थी। शरीर सड़ रहा था और कमरे में इतनी दुर्गंध थी कि कोई सांस नहीं ले पा रहा था।
कमरा पूरी तरह से बिखरा हुआ था और और बिस्तर के पास एक व्हीलचेयर पड़ी थी। परवीन बाबी की मौत उनकी लाश मिलने के 72 घंटे पहले ही हो चुकी थी। ना कोई रिश्तेदार था, ना दोस्त, ना कोई खबर लेने वाला।
महेश भट्ट ने किया था अंतिन संस्कार
गौरतलब है कि परवीन बाबी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मुंबई के कूपर अस्पताल ले जाया गया। रिपोर्ट में उनके शरीर में खाने का एक कतरा भी नहीं मिला था। परवीन बाबी कई दिनों से भूखी थीं, लेकिन उनके शरीर में अल्कोहल मिला था। रिपोर्ट में सामने आया कि परवीन ने मरने से 3-4 दिन पहले तक कुछ खाया नहीं था।
भूख से ही उनके शरीर के कई अंग काम करना बंद कर चुके थे। परवीन के शरीर में सबसे ज्यादा सड़न उनके पैर में थी। पैर की उंगलियां काली पड़ चुकी थीं, गैंग्रीन का कारण उनकी हाई शुगर थी। पैर सड़ने के कारण परवीन बाबी शायद चल नहीं पाती थीं, यही कारण था कि उनके बिस्तर के पास एक व्हीलचेयर मिली थी।
23 जनवरी 2005, कूपर अस्पताल में परवीन बाबी का पोस्टमॉर्टम हो चुका था, लेकिन कोई रिश्तेदार उनके शव को क्लेम करने अस्पताल नहीं पहुंचा। लाश मिले दो दिन हो चुके थे, लेकिन फिर भी कोई खबर लेने नहीं पहुंचा। आखिरकार फिल्ममेकर महेश भट्ट उनका शव लेने अस्पताल पहुंचे, जो एक समय परवीन की मानसिक स्थिति बिगड़ने के बावजूद उनके लिए अपना परिवार छोड़ आए थे। महेश ने ही परवीन के अंतिम संस्कार का बंदोबस्त किया।