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Parliament Winter Session 2024 : इस दिन होगी संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक पर होगी चर्चा

Winter Session Parliament 2024 : संसद का शीतकालीन सत्र 2024 25 नवंबर से शुरू हो चुका है। सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद की जा रही है। केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 16 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है

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Parliament Winter Session 2024

Parliament Winter Session 2024: संसद का शीतकालीन सत्र 2024 25 नवंबर से शुरू हो चुका है। सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद की जा रही है। केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 16 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिसमें पाँच नए विधेयक शामिल हैं। इनमें सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित विधेयक और वक्फ (संशोधन) विधेयक प्रमुख हैं। वक्फ संशोधन विधेयक, जो पहले ही दोनों सदनों की संयुक्त समिति (जेपीसी) को भेजा जा चुका है, अब चर्चा और पारित होने के लिए तैयार है। समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा।

वक्फ संशोधन विधेयक और विवाद

विधेयक पर जेपीसी की बैठक में विवाद गहराता दिखा। समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने अंतिम बैठक के बाद ड्राफ्ट रिपोर्ट सदस्यों को वितरित की, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने इसे लेकर विरोध जताया। उनका तर्क है कि प्रस्तावित बदलावों का गहन अध्ययन करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से हस्तक्षेप की मांग की।

विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की निगरानी और प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और संगठित बनाना है। हालांकि, इसके मसौदे में शामिल प्रावधानों को लेकर विपक्ष ने कई आपत्तियां दर्ज की हैं।

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अन्य प्रमुख विधेयक

इसके अलावा, सरकार ने पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, कोस्टल शिपिंग विधेयक और इंडियन पोर्ट्स विधेयक को भी सूचीबद्ध किया है। इन विधेयकों का मकसद न्यायिक और बंदरगाह प्रबंधन से जुड़े मामलों को बेहतर बनाना है।

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक नहीं सूचीबद्ध

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसे मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। हालांकि, इस विषय पर कोई विधेयक इस सत्र में पेश नहीं किया जाएगा।

विपक्ष की आपत्तियां और आगे की राह

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष का कहना है कि इसके कई प्रावधान मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को प्रभावित कर सकते हैं। विपक्षी दलों का तर्क है कि वक्फ संपत्तियों से संबंधित मुद्दे संवेदनशील हैं और इन्हें जल्दबाजी में पारित करना उचित नहीं है। समिति में विपक्षी सदस्यों ने कार्यकाल विस्तार की मांग की, ताकि वे मसौदे पर गहराई से विचार कर सकें।

जेपीसी के अध्यक्ष का कहना है कि समिति ने अपनी सभी बैठकें पूरी कर ली हैं और अब यह विधेयक सदन में चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, विपक्ष का विरोध इस सत्र में बहस को गर्म कर सकता है।

सत्र की प्राथमिकताएँ

इस शीतकालीन सत्र में सरकार का जोर विधेयकों को तेजी से पारित कराने पर है। हालांकि, विपक्ष ने वक्फ संशोधन विधेयक के अलावा अन्य लंबित विधेयकों पर भी व्यापक चर्चा की मांग की है।

सरकार के एजेंडे में प्रगति और पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाले विधेयकों पर काम करना है, जबकि विपक्ष विधेयकों के व्यापक प्रभावों की जांच करने की आवश्यकता पर जोर दे रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद का यह सत्र वक्फ संशोधन विधेयक और अन्य कानूनों पर किस तरह का विमर्श और नतीजा लेकर आता है।