Panic attack Disorder : भागदौड़ भरी जिंदगी में चिंता और तनाव की समस्या आम बन गई है। कुछ लोग हर छोटी-छोटी बात पर बहुत ज्यादा सोचते हैं, जिससे उन्हें पैनिक अटैक का दौरा भी आ सकता है। किसी गहरे दुःख या अवसाद में दौरा आना आम है। हालांकि कई बार दौरा आने पर व्यक्ति को पता भी नहीं चलता। आमतौर पर लोगों को पैनिक अटैक के बारें में जानकारी नहीं होती कि अटैक के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं। आज हम आपको इस आर्टिकल में पैनिक अटैक (Panic attack Disorder) के लक्षण, बचाव और कारण आदि के बारें में बताएंगे।
पैनिक अटैक का कारण
बता दें कि पैनिक अटैक कई बार कुछ सेकंड से लेकर एक घंटे तक भी आ सकता हैं। हालांकि अब तक डॉक्टर्स भी पैनिक अटैक के कोई ठोस कारण को ढूंढ नहीं पाए है। पैनिक अटैक कभी भी किसी को भी बिना किसी चेतावनी के आ सकता है। आमतौर पर किसी बहुत बड़े डर, दुर्घटना, दुःख या एंग्जायटी के कारण अटैक (Panic attack Disorder) आने का खतरा ज्यादा रहता हैं। इसके अलावा कभी किसी चीज के कारण अचानक से घबराने की वजह से घबराहट, डर या एंग्जायटी जैसी स्थिति बन जाती है, जिससे भी अटैक आने का खतरा होता है।
पैनिक अटैक के लक्षण (Panic attack Disorder Symptoms)
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- तेज गति से दिल का धड़कना
- शरीर का कांपना या हिलना
- घबराहट होना
- सांस लेने में दिक्कत होना
- छाती या सिर में दर्द
- ठंड लगना
- पेट में ऐंठन होना
- झुनझुनी होना
- कमजोरी या थकावट आना
- किसी बड़ी दुःख के बारें में बहुत ज्यादा सोचना
बचाव के उपाय
बता दें कि पैनिक अटैक जानलेवा नहीं होता हैं। लेकिन इसका (Panic attack Disorder) असर दिमाग पर पड़ता है। हालांकि रोजाना एक्सरसाइज़, मेडिटेशन, सांस वाले व्यायाम और अरोमाथेरपी के सहारे इस समस्या से बचा जा सकता हैं। साथ ही डेली लाइफ में थोड़ा सा बदलाव लाने से भी पैनिक अटैक की स्थिति नहीं बनती है।
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