Saturday, October 12, 2024
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P.M.S In Womens: क्या होता है पी.एस.एस और क्या इससे बचने के लिए महिलाओं को क्या करना चाहिए ?

P.M.S In Womens : मासिक धर्म एक ऐसी प्रकिया है जो एक महिला को हर महीने होती है। इसे पीरियड्स और मैंस्ट्रुएशन के नाम से भी जाना जाता है। एक व्यस्क लङकी मे ये 12-14 वर्ष की आयु में शुरु होती है और 45-50 वर्ष की आयु तक चलती है। कहने के लिए तो ये एक शारीरिक प्रक्रिया है लेकिन महिलाओं के लिए ये किसी बीमारी से कम नहीं होती। पीरियड्स के दौरान महिलाओं के अंदर शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं। इस दौरान महिलाओं को असहनीय समस्याओं को झेलना पङता है।

आमतौर पर पीरियड्स 5-7 दिन के लिए होते हैं। जिसका सीधा मतलब ये होता है कि इन दिनों महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाली परेशानियों को सहना पड़ता है लेकिन ये समस्या केवल पीरियड्स के समय में ही नहीं होती। पीरियड्स शुरु होने से कुछ दिन पहले ही महिलाओं के शरीर में इसके लक्षण आने शुरु हो जाते हैं। विज्ञान जगत में इसे भी एक बीमारी का नाम दिया गया है। जानते हैं विस्तार से इसके बारे में।

क्या होता है इस बीमारी का नाम ?

जब भी किसी महिला को पीरियड्स शुरु होने वाले होते हैं तब पीरियड्स आने से कुछ दिन पहले ही उसके लक्षण आने शुरु हो जाते हैं। जिसे पी.एम.एस प्री मैंस्ट्रुअल सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। इसके द्वारा हमारे शरीर को संकेत मिलते हैं कि हमारे पीरियड्स शुरु होने वाले हैं। पी.एम.एस हार्मोन्स के द्वारा होने वाली एक प्रक्रिया है। जब भी हार्मोन्स में परिवर्तन होना शुरु होता है। तब ये परिवर्तन पी.एम.एस के लक्षण के रुप में सामने आता है।

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पी.एम.एस के लक्षण

पेट में और पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द होना।

पैरों में दर्द होना।

जी मिचलाना और कुछ भी खाने का मन न करना।

स्तनों में भारीपन महसुस होना।

चेहरे पर पिंपल और दानें निकल आना।

जांघों में दर्द और भारीपन होना।

सिर में दर्द होना और चक्कर आना।

कुछ चटपटा और मसालेदार खाने का मन होना।

मूड स्विंग होना और चिङचिङापन होना।

तेज आवाज या शोर से परेशानी होना।

ठीक से नींद न आना।

किसी भी काम में मन न लगना।

कभी-कभी अचानक से घबराहट और बैचेनी होना।

जब भी किसी महिला को पीरियड्स शुरु होने वाले होते हैं तो उससे कुछ दिन पहले ही महिलाओं में ऊपर बताए गए सभी लक्षण आने लगते हैं। हम ये भी कह सकते हैं कि पीरियड्स शुरु होने से पहले हार्मोन्स के द्वारा हमारे शरीर को संकेत दिया जाता है ताकि वह पीरियड्स के लिए तैयार हो सके। जब पीरियड्स शुरु हो जाते हैं तब ये सभी लक्षण अपने आप खत्म हो जाते हैं।

क्या सभी महिलाओं को होता है पी.एम.एस ?

पीरियड्स हर महिला को होता है लेकिन पी.एम.एस हर महिला को नहीं होता। जिन्हें होता भी है उनके लक्षण और होने के तरीके अलग-अलग होते हैं। पी.एम.एस किसी भी महिला की जीवन शैली और खान पान पर भी निर्भर करता है। ये हार्मोन्स में परिवर्तन होने के कारण होता है लेकिन अगर हमारी जीवन शैली अच्छी है तो हमारा शरीर हार्मोन्स के परिवर्तन को झेलने में सक्षम होता है।

P.M.S In Womens

क्या सभी में पी.एम.एस के लक्षण एक समान होते हैं ?

सभी महिलाओं को होने वाले पी.एम.एस निश्चित दिन पर शुरु नहीं होते। कुछ महिलाओं को पीरियड्स शुरु होने से 7 दिन पहले तो कुछ को 3-4 दिन पहले पी.एम.एस के लक्षण शुरु होते हैं। किसी को पेट और कमर में दर्द होता है तो किसी को पैरों में। किसी का कुछ भी खाने का मन नहीं करता तो किसी का कुछ चटपटा खाने का मन करता है। किसी को सिर दर्द होता है तो किसी के मूड स्विंग होते हैं। इसी तरह पी.एम.एस के लक्षण सभी महिलाओं में अलग-अलग होते हैं। हर किसी की जीवन शैली और आहार पर ये निर्भर करता है।

कैसे करें पी.एम.एस से बचाव ?

वैसे तो पी.एम.एस के लक्षण हार्मोन्स के परिवर्तन से शरीर में होने वाले लक्षण हैं। जिस तरह पीरियड्स शरीर के लिए अनिवार्य है उसी तरह पी.एम.एस भी शरीर के लिए अनिवार्य है। लेकिन हम अपने जीवन शैली में कुछ बदलाव करके अपने शरीर को इन्हें झेलने की शक्ति दे सकते हैं।

रोज सुबह योग और प्राणायाम करें

पीरियड्स आने से कुछ दिन पहले ही बाहर का खाना और तला चिकना खाना छोङ दें।

पी.एम.एस के दौरान खाली पेट रहने से ये लक्षण और भी बढ जाते हैं इसलिए इस समय खाली पेट नहीं रहना चाहिए।

इस काल में ज्यादा वजन और भारी काम नहीं करना चाहिए।

पेट और की सिंकाईं करनी चाहिए ताकि पेट की मांसपेशिया मुलायम रहें।

मूड स्विंगस के दौरान मेडिटेशन करनी चाहिए ताकि दिमाग शांत रहें।

ज्यादा वर्क आउट और एक्सरसाईज नहीं करनी चाहिए। इससे मांसपेशियों में खिंचाव और सूजन होने का डर रहता है।

पी.एम.एस के दौरान गर्म तासीर वाली चीजें खानी चाहिए। जिससे पेट की मांपेशियों को गर्माहट मिलती है और दर्द में आराम रहता है।

Disclaimer – (इस आर्टिकल में बताई गई जानकारियां सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इस आर्टिकल में बताए गए सलाह और विचार को प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर या  हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें .  South Block Digital यहां दी गई जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है)

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