राजस्थान से एक खौफनाक मामला सामने आया है। यहां पैसे के लालच में इंसान की कोई कीमत नहीं रही है। दरअसल, राजस्थान में एक नविवाहित महिला की दहेज के लिए हत्या कर दी गई। वारदात को किसी और ने नहीं बल्कि महिला के पति और ससुर ने अंजाम दिया। इस मामले में जज ने सख्ती बरती। न्यायाधीश ने मृतक विवाहिता के आरोपी पति और ससुर को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
जाने पूरा मामला
7 साल पहले नविवाहित महिला की दहेज के लिए बेरहमी से हत्या कर दी गई थी जिसको लेकर कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हत्याकांड के आरोपी ससुर और पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं मृतका की सास और देवर को बरी कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, नविवाहित शादी के समय अपने मायके से दहेज में बाइक नहीं लाई थी जिसको लेकर ससुराल वाले लगातार महिला को प्रताड़ित कर रहे थे। बाइक नहीं लाने पर आरोपी पति और ससुर ने महिला का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और लाश को नमक से भरे बोरे में डाल दिया। आरोपियों ने लाश को जंगल में फेंक दिया। लेकिन कई दिनों तक महिला के लापता होने के बाद जांच पड़ताल की गई। इस दौरान जंगल से शव को बरामद कर लिया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम किया तो हत्या का मामला सामने आया।
इस मामले को लेकर मृतका के ससुराल वालों को तुरंत हिरासत में ले लिया गया। महिला के मायके वालों ने दहेज के मामले में हत्या करने की शिकायत पुलिस में की। इस क्रम में 7 साल बाद जिला न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया और आरोपियों को सजा सुनाई। कोर्ट ने महिला की सास और देवर को बरी कर दिया जबकि पति और ससुर को आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई।
कोर्ट का फैसला
कोर्ट के द्वारा सुनाए गए फैसले में लिखा गया कि इस तरह के अपराधों में सख्ती का रुख अपनाना चाहिए, जिससे समाज में एक कड़ा संदेश जाए। दोषियों की सजा में नर्मी का रुख अपनाया जाना बिल्कुल न्यायोचित नहीं है। ऐसे में अपराध की गंभीरता, अपराध की प्रकृति और प्रकरण के सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है।