University Ranking System : देश के हायर एजुकेशन सिस्टम को व्यवस्थित बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसी कड़ी में एक बड़ा कदम उठाया गया है जो यूनिवर्सिटी के रैंकिंग सिस्टम को और मजबूती देगा। दरअसल, देश के हायर एजुकेशनल संस्थानों की इंडिया रैंकिंग 2024 में कई नए पैरामीटर को शामिल किया जा सकता है। नैशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन () और नैशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम () की ओर से ये कदम उठाया जा रहा है। इससे सबसे बड़ा फायदा ये होने वाला है कि इससे ओपन यूनिवर्सिटी, लैंग्वेज यूनिवर्सिटी के लिए एक कैटिगरी तय की जा सकती है। इसके अलावा पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली यूनिवर्सिटी भी आवेदन कर सकती है।
रैंकिंग सिस्टम में सुधार के लिए जोड़े जाएंगे नए पैरामीटर
नैशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन (NBA) और नैशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (NETF) के अध्यक्ष के अनुसार इसके लिए एक कमिटी बना दी गई है जो इसके लिए काम कर रही है। प्रोफसर अनिल सहस्त्रबुद्धे के मुताबिक इस बार रैंकिंग सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए नए पैरामीटर जोड़े जा सकते हैं। उन्होनें बताया कि जैसे ही कमेटी की रिपोर्ट आ जाएगी, उसके बाद अडिशनल क्राइटेरिया लागू कर दिया जाएगा। साथ ही सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग को भी लागू किया जा सकता है जिसमें उच्च शिक्षा संस्थानों के पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों के असर को देखा जा सकता है।
ओपन यूनिवर्सिटी के साथ ई-यूनिवर्सिटी को भी होगा फायदा
सामाजिक सरोकार के मुद्दे के साथ-साथ पर्यावरण क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले संस्थानों को भी रैंकिंग सिस्टम के दायरे में लाया जा सकता है। आपको बता दें कि ई-यूनिवर्सिटी शुरु होने से पहले ओपन यूनिवर्सिटी की रैंकिंग को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं। यूजीसी के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार का कहना है कि ओपन यूनिवर्सिटीज और संबंध संस्थानों को NIRF की गाइडलाइंस के मुताबिक अभी रैंक नहीं किया गया है। आपको बता दें कि हायर एजुकेशनल संस्थानों की इंडिया रैंकिंग 2016 से दी जा रही है। रैंकिंग के लिए NBA ने 20 अक्टूबर तक की तारीख आवेदन के लिए तय की है।