हाल ही में केंद्र सरकार ने एक नया डाटा प्राइवेसी बिल, डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2022 प्रस्तावित किया है। इस बिल को यूजर्स के पर्सनल डाटा को रेगुलेट करने के लिए तैयार किया गया है। इसके तहत सरकार ने लोगों के निजी डेटा का गलत इस्तेमाल करने पर कंपनियों पर पेनाल्टी की राशि बढ़ा दी है। अगर कोई कंपनी किसी यूजर के निजी डाटा का गलत इस्तेमाल करती है, तो उसपर 500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
पुराने बिल की लेगा जगह
यह उस पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल की जगह लेगा, जिसे अगस्त में वापस ले लिया गया था। विपक्ष की आपत्तियों के बाद सरकार ने इसे लोकसभा से वापस ले लिया था और कहा था कि कानूनी विचार विमर्श के बाद इसे पेश किया जाएगा। सरकार के मुताबिक, इसमें 81 संसोधन प्रस्तावित किए गए और 12 सिफारिशें की गईं। सरकार ने कहा कि एक और “व्यापक कानूनी ढांचा” जल्द ही पेश किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार निजता यानी प्राइवेसी हर भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद 2017 से ही सरकार डाटा संरक्षण कानून पर काम कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 17 दिसंबर, 2022 तक जनता से डॉफ्ट विधेयक पर प्रतिक्रिया की मांग की है। ये नया ड्राफ्ट प्रस्तावित विधेयक की चौथी पुनरावृत्ति है।
Seeking your views on draft Digital Personal Data Protection Bill, 2022.
Link below: https://t.co/8KfrwBnoF0
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) November 18, 2022
केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस संबंध में ट्वीट किया और एक लिंक भी शेयर किया है जिसपर क्लिक करके आप बिल के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
Explanatory Note on Digital Personal Data Protection Bill, 2022 👇🏼https://t.co/g1hqEap7TB
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) November 19, 2022
संसद के अगले सत्र में पेश हो सकता है बिल
सरकार ड्राफ्ट जारी करके अब सभी पक्षों की राय ले रही है। ड्राफ्ट को संसद के अगले सत्र में पेश किया जा सकता है। सरकार का मकसद इसके जरिए व्यक्ति के निजी डेटा की सुरक्षा करना, भारत के बाहर डेटा ट्रांसफर करने पर नजर रखना और किसी तरह के डेटा से जुड़ा उल्लंघन होने पर जुर्माने का प्रावधान करना है।
डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल का ड्राफ्ट
ड्राफ्ट में लिखी कुछ मुख्य बातें
- बिना आपकी मर्जी के नहीं इस्तेमाल हो सकता डाटा
- कंपनियां हर डिजिटल नागरिक को साफ और आसान भाषा में सारी डिटेल्स देंगी
- किसी भी समय ग्राहक को अपना Consent वापस लेने का अधिकार
- डेटा के गलत इस्तेमाल पर 250 करोड़ तक की पेनल्टी का प्रावधान
- सरकार की अगर इच्छा हो तो राष्ट्रहित में एजेंसियों अथवा राज्यों को इसके एम्बिट से बाहर रख सकती है
- डाटा स्टोरेज के लिए सर्वर देश में या मित्र देशों में ही हो सकता है
- इन देशों की लिस्ट सरकार जल्द जारी करेगी
- सरकारी एजेंसियां और संस्थान असीमित समय तक रख पाएंगे डाटा