Thursday, November 21, 2024
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‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती आज

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना बड़ा योगदान देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 126वीं जयंती है। नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 में ओडिशा के कटक में हुआ था। नेताजी ने भारत को अंग्रेजों की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए बहुत प्रयास किए थे। उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। और  तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा देने वाले नेताजी ने स्वतंत्रता की लड़ाई में आम लोगों में एक अलग जोश पैदा किया था। उनका यह नारा हर भारतीय को याद है। चलिए जानते है नेताजी से जुड़ी कुछ खास बातें…

Netaji Subhash Chandra Bose 126th jayanti
Netaji Subhash Chandra Bose 126th jayanti

पूर्ण स्वराज का सपना देखने वाले – नेताजी

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में तो कई महापुरुषों ने अपना योगदान दिया था। लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पूरे देश में अपनी अलग ही छाप छोड़ी थी। दरअसल, महान सुभाष चंद्र बोस ने हमेशा से भारत के लिए पूर्ण स्वराज का सपना देखा था। उन्होनें अपनी शक्तिशाली व्यक्तित्व के जरिए कई लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में प्रेरित किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक वीर नायक थे। वह मातृभूमि के लिए कई बार जेल गए। यहां तक की उन्होंने अपनी नौकरी भी देश के लिए छोड़ दी। दरअसल, उन्हें सिविल सेवा के लिए भी चुना गया था। लेकिन वे भारत में रहकर ब्रिटिश सरकार की सेवा नहीं करना चाहते थे। नेताजी भारत के महान नेताओं में से एक थे। उन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। उनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 में एक विमान दुर्घटना में हुई। लेकिन आज भी उनको पूरा देश महान शहीदों की तरह याद करता है।

तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा

नेताजी का नारा आज भी हर भारतीय के कानों में गूंजता है। आपको बता दे की, ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा बुलंद करने वाले महान देशभक्त सुभाष चंद्र बोस एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने न सिर्फ देश के अंदर बल्कि देश के बाहर भी आज़ादी की लड़ाई लड़ी। राष्ट्रीय आंदोलन में नेताजी का योगदान कलम चलाने से लेकर आजा़द हिंद फौज का नेतृत्व कर अंग्रेज़ों से लोहा लेने तक रहा है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने अपने कॉलेज के शुरुआती दिनों में ही बंगाल में क्रांति की वो मशाल जलाई, जिसने भारत की आज़ादी की लड़ाई को एक नई धार दी।

Netaji Subhash Chandra Bose 126th jayanti
Netaji Subhash Chandra Bose 126th jayanti

सुभाष चंद्र बोस का जीवन काल

महान नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ। सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम ‘जानकीनाथ बोस’  और माँ का नाम ‘प्रभावती’ था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे।  सुभाष चंद्र बोस का परिवार काफी बड़ा था। दरअसल, वे 14 भाई-बहनें थे, जिसमें 6 बहने और 8 भाई थे। सुभाष चंद्र अपने माता-पिता की नौवीं संतान और पाँचवें बेटे थे। संपन्न बंगाली परिवार में जन्मे नेताजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल में की। नेताजी एक मेधावी छात्र थे जिन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। उन्होंने अपना B.A ऑनर्स 1918 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में पूरा किया। बाद में वे अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए।

देश के लिए कई बार जेल भी गए

आजादी की लड़ाई में लोगों में जोश भरने वाले नेताजी कई बार ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लेते हुए जेल भी गए थे। वे 1921 से 1941 के बीच पूर्ण स्वराज के लिए 11 बार जेल गए और ब्रिटिश शासन के खिलाफ आक्रोश पैदा किया। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वे सोवियत संघ, जर्मनी और जापान भी गए और उन्होंने वहां अंग्रेजों के खिलाफ साथ देने की मांग की। नेताजी का जीवन काल काफी प्रभावित करने वाला रहा। वे जोश, बुद्धिमानी, साहस से भरे हुए थे। लोगों को प्रेरित करना उनको बखूबी आता था। उन्होंने बहुत कम समय वो कर दिखाया जो हर किसी के बस की बात नहीं होती। वे एक सच्चे देशभक्त थे। आज उनकी 126 वीं जयंती पर पूरा देश उन्हें दिल से याद कर रहा है।

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