महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, मेघालय के फार्मेसी विभाग ने भारतीय फार्मास्युटिकल एसोसिएशन (IPA)–2025 की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया।
इस कार्यक्रम ने फार्मेसी छात्रों के लिए सीखने, नवाचार और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का शानदार माहौल बनाया।
कार्यक्रम का आयोजन माननीय कुलाधिपति डॉ. राजन चोपड़ा के मार्गदर्शन में किया गया। इसका उद्देश्य छात्रों में ज्ञान, कौशल और रचनात्मकता को बढ़ावा देना था।
उद्घाटन समारोह में माननीय कुलपति डॉ. सागर मंजारे उपस्थित रहे। उन्होंने इस पहल की सराहना की और बताया कि यह कार्यक्रम देश की बढ़ती स्वास्थ्य जरूरतों के अनुसार नवाचार को बढ़ावा देता है।
कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ. वाई. कृष्णा रेड्डी, प्राचार्य – स्कूल ऑफ फार्मेसी और मेघालय के IPA राज्य समन्वयक ने किया।
डॉ. अमलेश अधिकारी, प्राचार्य – स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज ने स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के निर्माण में संचार और समग्र ज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का आयोजन माननीय कुलाधिपति डॉ. राजन चोपड़ा के मार्गदर्शन में किया गया। इसका उद्देश्य छात्रों में ज्ञान, कौशल और रचनात्मकता को बढ़ावा देना था।
उद्घाटन समारोह में माननीय कुलपति डॉ. सागर मंजारे उपस्थित रहे। उन्होंने इस पहल की सराहना की और बताया कि यह कार्यक्रम देश की बढ़ती स्वास्थ्य जरूरतों के अनुसार नवाचार को बढ़ावा देता है।
कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ. वाई. कृष्णा रेड्डी, प्राचार्य – स्कूल ऑफ फार्मेसी और मेघालय के IPA राज्य समन्वयक ने किया।
डॉ. अमलेश अधिकारी, प्राचार्य – स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज ने स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के निर्माण में संचार और समग्र ज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

- सुश्री तबस्सुम नाज़ लस्कर (USTM)
- श्री विल्सन लिंडोह (MGU)
अब ये दोनों छात्र मेघालय का प्रतिनिधित्व IPA–2025 की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में करेंगे।
समापन समारोह में विजेताओं को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह दिए गए। निर्णायकों ने फार्मेसी शिक्षा में शोध-आधारित शिक्षण और नवाचार-केन्द्रित कौशल की आवश्यकता पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय प्रबंधन, संकाय, छात्रों और IPA को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया गया।

नए वैज्ञानिकों को मंच देकर और सार्थक शैक्षणिक संवाद को बढ़ावा देकर, एमजीयू में आयोजित IPA–2025 प्रतियोगिता ने पूर्वोत्तर भारत में फार्मास्युटिकल विज्ञान के उज्ज्वल भविष्य को मजबूत किया है।
इस कार्यक्रम की सफलता फार्मेसी विभाग के शिक्षकों और छात्रों की मेहनत का परिणाम है।

