Modi Government: भारत निरंतर विकाशील से विकसित होने के पथ पर अग्रसर है। साइंस और तकनीक के माध्यम से भारत पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा रहा है। साथ ही हमारा देश भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा जैव प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य नवाचार, अनुसंधान और सतत विकास में वैश्विक नेता के रूप में खुद को स्थापित करना है।
केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को लेकर काफी एक्टिव है और इस दिशा में लगातार काम किए जा रहे है। इसी बीच अगस्त 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत दो प्रमुख पहल – विज्ञान धारा योजना और बायोई3 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति – देश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और जैव विनिर्माण परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार हैं।
आपको बता दे कि भारत सरकार की ये पहल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के भारत के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो वैज्ञानिक अनुसंधान, जैव विनिर्माण और सतत प्रथाओं में देश की क्षमताओं को बढ़ाते हैं। इसी बीच वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता ने विज्ञान धारा योजना को मंजूरी देकर एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत इस एकीकृत केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी। आरयू-476 योजना तीन प्रमुख अम्ब्रेला योजनाओं को एक में समेकित करती है, जिसका महत्वाकांक्षी बजट 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 10,579.84 करोड़ रुपये है, जो 15वें वित्त आयोग के अनुरूप है।
योजना का उद्देश्य क्या है ?
देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और शैक्षणिक संस्थानों में अच्छी तरह से सुसज्जित अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं को बढ़ावा देकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे को बढ़ाना। इसके अलावा स्थायी ऊर्जा, जल और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देना इसका मुख्य उद्देश्य है।
साथ ही भारत के अनुसंधान और विकास आधार का विस्तार करने और पूर्णकालिक समकक्ष (एफटीई) शोधकर्ताओं की संख्या में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल का निर्माण करना और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) में लैंगिक समानता प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना इस योजना का उद्देश्य है। साथ ही स्कूली शिक्षा से लेकर उद्योग और स्टार्टअप तक सभी स्तरों पर नवाचारों को सुदृढ़ करना इसका लक्ष्य है।