Mauna Loa Volcano : हवाई द्वीपों (Hawaii Islands) में मौजूद मौना लोआ ज्वालामुखी (Mauna Loa Volcano) को दुनिया का सबसे बड़ा और सक्रिय ज्वालामुखी माना जाता हैं, जो 40 साल बाद फिर से फूटा है। प्रशांत महासागर के हवाई द्वीपों में छह सक्रिय ज्वालामुखी हैं। वर्ष 1843 के बाद से मौनालोआ ज्वालामुखी अब तक 33 बार फूट चुका है। इससे पहले ये साल 1984 में फूटा था। उस समय इस ज्वालामुखी का लावा लगभग 22 दिनों तक उगलता रहा था।
सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी है ये
मौना लोआ, हवाई भाषा का शब्द है। इस शब्द का मतलब है लंबा पहाड़। इस ज्वालामुखी (Mauna Loa Volcano) का आयतन, ऊंचाई और क्षेत्रफल बहुत बड़ा है। वहां के स्थानीय लोग इस ज्वालामुखी को एक पवित्र स्थल के रूप में भी मानते हैं। इस ज्वालामुखी का प्रभाव क्षेत्र लगभग 5721 वर्ग किलोमीटर हैं। इसकी (Mauna Loa Volcano) चौड़ाई 120 किलोमीटर है।
बता दें कि समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 4179 मीटर तक नजर आती हैं। इसमें से लावे के निकलने की वजह से जमीन का आयतन भी बहुत बड़ा माना जाता है। इसका (Mauna Loa Volcano) आकार गुंबद की तरह हैं। साथ ही इसकी काल्डेरा की गहराई लगभग 183 मीटर है।
पहले समुद्र के अंदर था ये
मौना लोआ (Mauna Loa Volcano) नामक ज्वालामुखी लगभग 1.6 करोड़ वर्ष पहले समुद्र में शुरु हुआ था। इसके बाद इसमें होते लगातार विस्फोट और लावा निकलने की वजह से ये एक द्वीप में बदल गया। माना जाता है कि करीब 40 हजार वर्ष पहले इस ज्वालामुखी (Mauna Loa Volcano) ने सतह पर द्वीप के रूप में आकार लिया था। हालांकि पिछले 10 हजार सालों से इसके आकार की वृद्धि में कमी आई हैं।