Sachin Tendulkar: दुनियाभर में क्रिकेट एक प्रमुख गेम उभकर सामने आया है। भारत में क्रिकेट का ऐसा माहौल और क्रेज है जहां हर गली और कस्बों में हर उम्र के व्यक्ति द्वारा ये खेल खेला जाता है। खासकर टी20 प्रारूप में दर्शकों की काफी भीड़ होती है। वनडे फॉर्मेट की बात करें तो एक समय था जब वनडे फॉर्मेट बेहद खास था। ऐसा नहीं है कि अब यह शब्द अब खास नहीं है, मगर कहीं न कहीं तेजी से बदल रहे क्रिकेट जगत में वनडे फॉर्मेट कहीं खो गया है।
इसी बीच टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व मास्टर बलास्टर सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को वनडे क्रिकेट से खत्म होती दिलचस्पी पर अपनी राय दी। साथ ही इस बात पर जोर दिया और कहा कि निश्चित ही प्रारूप बोरिंग हो रहा है और गेंदबाजों पर हावी हो रहा है। महान बल्लेबाज ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 में वनडे क्रिकेट के फ्यूचर पर बात की और एक ऐसा आइडिया शेयर किया जो वनडे फॉर्मेट की डूबती नैया को पार लगा सकता है।
रिवर्स स्विंग को खत्म कर रहे हैं नए नियम
सचिन के मुताबिक, वनडे क्रिकेट में दोनों छोर से नई गेंद का इस्तेमाल और गेंद पर थूक न लगा पाने जैसी चीजों के कारण वनडे क्रिकेट से ध्यान गायब हो रही है। तेंदुलकर ने कहा-
इसमें कोई शक नहीं कि यह बोरिंग हो रहा है। मौजूदा प्रारूप में प्रति पारी दो नई गेंद का उपयोग होता है। जब आप दो नई गेंद का उपयोग कर रहे हैं तो एक तरह से रिवर्स स्विंग को खत्म कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, भले ही हम मैच के 40वें ओवर में हो, लेकिन गेंद तो 20 ओवर पुरानी ही हुई है। गेंद 30 ओवर के बाद तो रिवर्स स्विंग होना शुरू होती है। नई गेंदों के कारण यह चीज खत्म हो रही है। मेरा मानना है कि मौजूदा प्रारूप गेंदबाजों पर हावी है। अब तो मैच काफी अनुमान वाला हो चुका है। 15वें से 40वें ओवर तक यह अपनी लय खो रहा है। यह बोरिंग हो चला है।
सचिन तेंदुलकर ने इस दौरान वनडे क्रिकेट में भी टेस्ट की तरह दो-दो पारियां खेलने का सुझाव दिया। यानी 25-25 ओवर की चार पारियां हों लेकिन हर टीम के हाथ में दोनों पारियां मिलाकर विकेट 10 ही हो। 25 ओवर की एक पारी के बाद दूसरी टीम को 25 ओवर खेलने का मौका मिले। सचिन ने बताया कि इस फॉर्मेट के जरिए दोनों टीमों को पिच, टॉस और औस जैसे फैक्टर्स से बराबर मदद मिलेगी और रोचकता भी बढ़ेगी।