दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जरा भी राहत मिलती नहीं दिख रही है। शराब नीति मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया की रिमांड एक बार फिर बढ़ गई है। दिल्ली की सीबीआई रिमांड को 14 दिनों के लिए इसे बढ़ा दिया है। अब तीन अप्रैल तक सिसोदिया सीबीआई की न्यायिक हिरासत में हैं।
सीबीआई ने अदालत को सूचित किया, “यह दावा किया जाता है कि जांच अभी भी चल रही है और एक महत्वपूर्ण चरण में है, और न्यायिक हिरासत में अतिरिक्त हिरासत आवश्यक है।” दिल्ली की नई आबाकारी नीति जिसे अब रद्द किया जा चुका है, इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं पर सीबीआई द्वारा मामला दायर किया गया है।
सीबीआई के साथ ईडी का कस रहा शिकंजा
आपको बता दें कि सिसोदिया को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9 मार्च को तिहाड़ जेल में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में हिरासत में लिया था, जिसमें अब-निराशायी नीति के विकास और निष्पादन में संदिग्ध भ्रष्टाचार शामिल था। सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। आरोप हैं कि शराब के लाइसेंस चुनिंदा व्यापारियों को दिए गए थे जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी।
ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में आरोप लगाया था कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में “जांच में बाधा डालने के लिए बड़े पैमाने पर डिजिटल सबूतों को नष्ट करने” में आप नेता शामिल थे, और उन्होंने 14 फोन बदले और नष्ट कर दिए थे।
आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया की ईडी हिरासत को 17 मार्च को पहले ही पांच दिनों के लिए बढ़ा दिया गया था। वह अभी 22 मार्च तक ईडी की रिमांड पर हैं। क्योंकि उनकी निरंतर प्रभावी पूछताछ के लिए अभियुक्तों की शारीरिक हिरासत आवश्यक प्रतीत होती है।
26 फरवरी को हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आठ घंटे की पूछताछ के बाद आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 26 फरवरी को सिसोदिया को हिरासत में लिया। 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति के विकास और निष्पादन में संदिग्ध भ्रष्टाचार से जुड़े एक सीबीआई मामले के सिलसिले में 9 मार्च को उन्हें तिहाड़ जेल में हिरासत में लिया गया था।
सीबीआई के मुताबिक मनीष सिसोदिया को इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और सबूतों के विपरीत होने के बावजूद पूछताछ में भाग लेने से इनकार कर दिया। सीबीआई ने पिछले साल 25 नवंबर को इस मामले में चार्जशीट दायर की थी, जिसमें व्यवसायी विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और पांच अन्य को आरोपित किया गया था। चार्जशीट में सिसोदिया का जिक्र नहीं था, जो आबकारी विभाग के प्रभारी भी थे। जांच एजेंसी ने कहा कि दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी अवैध है।
कोर्ट ने सीबीआई के मामले में तीन अप्रैल तक सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को बढ़ाया है। कल यानी 21 मार्च को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई है। वहीं सिसोदिया 22 मार्च तक ईडी की हिरासत में है। वहां से उन्हें राहत मिल जाती है, तो भी सिसोदिया की मुश्किलें कम नहीं होगी।